ओडिशा रेल हादसे का खौफनाक मंजर, गैस कटर से निकाले जा रहे हैं शव
शनिवार, 3 जून 2023 (11:50 IST)
Odisha Train Accident : ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम को कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकरा गई। सदी के सबसे बड़े रेल हादसे में मृतक संख्या बढ़कर 261 हो गई और 900 से अधिक यात्री घायल हो गए। बचावकर्ता हादसे के बाद गैस टॉर्च और इलेक्ट्रिक कटर की मदद से रातभर रेलगाड़ियों के बीच फंसे जीवित लोगों और शवों को बाहर निकालने की कोशिश करते रहे।
भुवनेश्वर में अधिकारियों ने बताया कि 1,200 कर्मियों के अलावा 200 एंबुलेंस, 50 बस और 45 सचल स्वास्थ्य इकाइयां दुर्घटनास्थल पर काम कर रही हैं। शवों को ट्रैक्टर समेत विभिन्न प्रकार के वाहनों में अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, कोलकाता से करीब 250 किलोमीटर दक्षिण में बालासोर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन के पास शुक्रवार शाम को सात बजे के आसपास हुआ यह हादसा भारत का अब तक का चौथा सबसे भीषण हादसा है। दुर्घटना के दृश्य इतने वीभत्स हैं कि उन्हें शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
इस दुर्घटना के बाद रेल पटरियां लगभग पूरी तरह से ध्वस्त हो गई हैं और रेलगाड़ियों के कुछ डिब्बे एक-दूसरे पर चढ़े हुए हैं, जबकि कुछ डिब्बे टकराने के कारण पलट गए हैं।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में ब्रह्मपुर के रहने वाले पीयूष पोद्दार कोरोमंडल एक्सप्रेस से तमिलनाडु जा रहे थे, तभी यह दुर्घटना हुई। उन्होंने कहा कि हमें झटका लगा और अचानक हमने ट्रेन के डिब्बे को एक तरफ मुड़ते देखा। ट्रेन इतनी तेजी से पटरी से उतरी कि हममें से कई लोग डिब्बे से बाहर गिर गए। हमने अपने चारों तरफ शव पड़े हुए देखे।
स्थानीय लोग यात्रियों के चीखने की आवाजें सुनकर घटनास्थल की तरफ दौड़े और वहां पटरी से उतरे रेल के डिब्बे देखे, जो स्टील का बिखरा हुआ ढेर लग रहे थे।
वहीं रूपम बनर्जी कहा कि स्थानीय लोग तुरंत हमारी मदद करने के लिए आगे आए... उन्होंने न केवल लोगों को बाहर निकालने में मदद की, बल्कि हमारा सामान निकाला और हमें पानी पिलाया।
बताया जा रहा है कि ट्रेन का एक डिब्बा दूसरी ट्रेन के डिब्बे पर चढ़ गया, जिसके कारण वह डिब्बा जमीन में धंसा गया। जमीन में धंसे डिब्बे और उसमें मौजूद शवों को बाहर निकालने के प्रयास जारी हैं। इससे मृतक संख्या में और इजाफा होने की आशंका है।
बालासोर जिला अस्पताल एक युद्ध क्षेत्र की तरह लग रहा है, जहां घायल लोग गलियारे में स्ट्रेचर पर लेटे हुए हैं, क्योंकि कमरों में जगह नहीं है। चिकित्सा कर्मचारियों को घायल यात्रियों की मदद करने की कोशिश करते देखा गया, जिनमें से कई ओडिशा के अलावा अन्य राज्यों से हैं और बात करने की स्थिति में नहीं हैं। करीब 526 घायलों को बालासोर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिसकर्मी और स्थानीय लोग स्वेच्छा से यहां और कई अन्य अस्पतालों में रक्तदान कर रहे हैं। अस्पताल के मुर्दाघर में सफेद कफन में लिपटे शवों का ढेर लगा हुआ है, जिनमें से कई की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है।
हादसे का शिकार हुए कई लोगों के रिश्तेदार अभी तक शहर नहीं पहुंच पाए हैं, क्योंकि प्रमुख रेल मार्ग पर दुर्घटना के कारण कई ट्रेन सेवाओं को रद्द कर दिया गया है या कई देरी से संचालित होंगी।
जांच के आदेश : भारतीय रेलवे ने एक बयान में बताया कि इस ट्रेन दुर्घटना की जांच दक्षिण-पूर्व सर्किल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त ए एम चौधरी करेंगे। रेलवे सुरक्षा आयुक्त नागर विमानन मंत्रालय के अधीन काम करता है।
कैसे हुआ हादसा : रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक, हावड़ा जा रही 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे बाहानगा बाजार में पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे। पटरी से उतरे ये डिब्बे 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और इसके डिब्बे भी पलट गए। चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरने के बाद एक मालगाड़ी से टकरा गए, जिससे मालगाड़ी भी दुर्घटना की चपेट में आ गई।
पटरी से उतरे डिब्बों के नीचे से शवों को निकालने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल किया गया। आपदा प्रबंधन कर्मी और दमकल कर्मी शवों को निकालने की कोशिशों में जुटे हैं। (भाषा)