Pandit Pradeep Mishra apologized: राधा रानी पर टिप्पणी कर फंसे कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने अन्तत: माफी मांग ली। पंडित मिश्रा बरसाना गए और वहां श्रीजी मंदिर में राधा रानी के समक्ष अपनी नाग रगड़ी और माफी मांगी। इसके उम्मीद है कि प्रदीप मिश्रा की मुश्किलें कम हो जाएंगी।
नाक रगड़कर माफी मांगी : राधा रानी को लेकर विवादित बयान देने वाले पंडित मिश्रा शनिवार को बरसाना पहुंचे और उन्होंने राधा रानी मंदिर में नाक रगड़कर माफी मांगी। उन्होंने दंडवत प्रणाम किया। इस दौरान श्रीजी मंदिर के आसपास बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहे। बाहर निकल पंडित मिश्रा ने ब्रजवासियों का अभिवादन किया और सभी संत-महंतों से माफी मांगी। ALSO READ: प्रेमानंद महाराज ने प्रदीप मिश्रा को लेकर क्यों कहा, तुम किसी काम के नहीं रहोगे
पंडित मिश्रा ने कहा कि लाडली जी ने मुझे यहां बुलाया है। उन्होंने कहा कि यदि मेरी वाणी से किसी को ठेस पहुंची है, तो उसके लिए मैं माफी मांगना हूं। सभी ब्रजवासियों के चरणों में मैं दंडवत प्रणाम कर क्षमा मांगता हूं। लाडली जी और बरसाना सरकार से भी मैं क्षमा याचना करता हूं। किसी के लिए भी कोई अपशब्द न कहे। राधे-राधे कहें, महादेव कहें। ALSO READ: शिवलिंग पर पत्ते चिपकाने का ज्ञान देने वाले पं. प्रदीप मिश्रा के सिर पर मारा नारियल, ब्रेन में आई सूजन
प्रेमानंद महाराज ने जताई थी आपत्ति : उल्लेखनीय है कि मिश्रा के बयान सबसे पहले प्रेमानंद महाराज ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था- हमें गाली देना ठीक है, लेकिन अगर आप हमारे ईष्ट, हमारे गुरु, हमारे धर्म के खिलाफ बोलेंगे, उनका अपमान करेंगे या उनकी अवज्ञा करेंगे, तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम अपना बलिदान दे देंगे। उन्होंने आगे कहा कि प्रदीप मिश्रा बहुत ज्यादा बोल रहे हैं, उन्हें नरक में भी जगह नहीं मिलेगी। उज्जैन में भी संत-महंतों ने मिश्रा के बयान को लकेर आपत्ति जताई थी। ALSO READ: पंडित प्रदीप मिश्रा जी के अचूक उपाय, पैसा कभी खतम नहीं होगा
राधा रानी पर क्या कहा प्रदीप मिश्रा ने : पंडित मिश्रा ने एक कथा के दौरान कहा था कि राधा बरसाना की रहने वाली नहीं थीं। वे रावल गांव की निवासी थीं। बरसाना में उनके पिता का दरबार था और वह साल में एक बार वहां जाती थीं। मिश्रा ने यह भी कहा कि राधा का नाम भगवान कृष्ण की रानियों में शामिल नहीं है। राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था।