मुश्किल काम मोदी नहीं करेगा तो कौन करेगा?

शनिवार, 23 सितम्बर 2017 (11:58 IST)
शहंशाहपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वर्ष 2022 तक देश के हर गरीब को घर दिलाने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि इसके लिए वह पूरी तन्मयता से काम कर रहे हैं। राज्य की योगी सरकार भरपूर सहयोग दे रही है। उन्होंने  इसे मुश्किल काम बताते हुए कहा कि मुश्किल काम मोदी नहीं करेगा तो कौन करेगा?

मोदी ने यहां एक रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज भी करोड़ों परिवार ऐसे हैं जिनके पास अपना घर नहीं है। उनकी हालत दयनीय है। हमारा दायित्व है कि गरीब व्यक्ति को एक छत दें। एक घर दें। इसीलिए बीड़ा उठाया है। मुश्किल काम है लेकिन, 'मुश्किल  काम मोदी नहीं करेगा तो कौन करेगा।' 
 
वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) तथा आधार कार्ड से ईमानदारी को बढावा मिलने का दावा करते हुएकहा कि उनके लिए राष्ट्र पहले हैं और वोट बैंक बाद में। 
 
 मोदी ने कहा कि बेईमान, ईमानदारों को लूट रहे हैं। इन लुटेरों को ठीक किया जा रहा है। जीएसटी से छोटे छोटे व्यापारी जुड रहे हैं। आधार कार्ड से भी काफी संख्या में लोग जुड़ रहे हैं। कुछ लोग ऐसे हैं जो गरीबों के सारे पैसे निगल जाते थे। उन्हें अब जनता की भलाई के लिए लगना होगा। बेईमान को ईमानदारी का रास्ता अपनाना ही होगा। वह विकास का मंत्र लेकर चल रहे हैं।
 
उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार को कई चिट्ठियां लिखकर उन्होंने पूछा था कि कितने गरीबों के पास घर नहीं है, लेकिन उस सरकार के पास गरीबों के घर बनाने के लिए कोई सोच ही नहीं थी। बहुत दबाव डालने पर दस हजार की सूची भेजी गई थी, लेकिन योगी सरकार ने तो लाखों लोगों का रजिस्ट्रेशन करवा दिया।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता, बिजली,शौचालय,गांव को खुले में शौचमुक्त जैसी बातों के लिए पहले उदासीनता थी। उन्होंने कहा कि वह गरीबों और मध्यम वर्गीय लोगों की जिंदगी बदलना चाहते हैं। 
 
उन्होंने कहा कि यहां पशु आरोग्य मेले का आयोजन किया गया है। पशुओं की सेवा का संदेश दिया जा रहा है। पशु तो वोट बैंक होता नहीं। उसे कहीं वोट तो देना नहीं है। यह जानने के बावजूद वह पशुओं की सेवा में भी लगे हुए हैं, क्योंकि उनके लिए देश पहले हैं और वोट बैंक बाद में।

मोदी ने कहा कि वोट की संभावना से काम करना राजनीति का स्वभाव होता है। आमतौर पर राजनीतिक वही काम करते हैं जिससे वोटबैंक बढ़े लेकिन उनका चरित्र अलग है, उनके लिए देश सबसे बड़ा है, इसलिए उनकी प्राथमिकता में वोट नहीं है। उनका कहना था कि यह सबको पता है कि पशु वोट नहीं देते, लेकिन उनके लोग पशु सेवा में लगे हैं। इस तरह का अभियान पहले कभी नहीं चला।
 
अपने करीब 20 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कामों की कम से कम तीन बार सराहना की। उन्होंने कहा कि पशुधन आरोग्य मेले में सत्रह सौ से अधिक पशु अलग अलग क्षेत्रों से आए हैं। किसानों को अपनी आय बढाने के लिए पशुपालन में भी आगे आना होगा। प्रति पशु दूध का औसत दुनिया की अपेक्षा यहां कम है। दूध उत्पादन के जरिये नई आर्थिक क्रांति को बल मिलेगा, इसलिए दूध उत्पादन में रुचि बढ़ानी होगी।
 
उन्होंने कहा कि गुजरात में दूध के क्षेत्र में आयी सहकारी क्रांति ने वहां के किसानों को काफी मदद पहुंचाई। उसी तर्ज पर लखनऊ और कानपुर में भी दूध खरीदने का काम शुरु हुआ है। वहां दूध का दाम ठीक मिल रहा है। अब काशी के किसानों का भी दूध खरीदा जायेगा । इससे किसानो और पशुपालकों को मदद मिलेगी।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2022 में देश को आजादी मिले 75 साल पूरे हो जायेंगे। हमें आजादी के दीवानों के सपनों को पूरा करने के लिए संकल्प लेना चाहिए। देश के 125 करोड नागरिक यदि एक एक संकल्प ले लें तो पांच साल में देश 125 करोड़ कदम आगे बढ़ जाएगा। उनका लक्ष्य है कि 2022 तक किसानों की आय दो गुनी करनी है। इसके लिए पशुपालन और आधुनिकता से खेती सटीक मार्ग हो सकते हैं। सरकार ने 'स्वायल हेल्थ कार्ड' योजना को किसानों की भलाई के लिए शुरू करवाया है।
 
स्वच्छता अभियान का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि स्वच्छता को जिम्मेदारी मानना लोगों के व्यवहार में नहीं दिखता। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि गंदगी हम करें और स्वच्छता कोई और करेगा। इसी सोच की वजह से गांव और नगर जैसे दिखने चाहिए थे, नहीं दिख रहे हैं। स्वच्छता हर नागरिक और परिवार की जिम्मेदारी है। यूनिसेफ ने हाल ही में दस हजार परिवारों का सर्वे किया था। सर्वे में पाया गया कि जिस घर में शौचालय होगा, उसमें सालाना पचास हजार रुपए बीमारी पर नहीं खर्च होंगे।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उन्हें भी एक गांव में शौचालय बनाने का सौभाग्य मिला। गांव वालों ने उन्हें बताया कि दो अक्टूबर तक पूरा गांव खुले में शौचमुक्त हो जायेगा। स्वच्छता उनके लिए पूजा है। स्वच्छता गरीबों को आरोग्य बनाएगी। गरीबों की भलाई के लिए शौचालय बनवाने का अभियान चलाया गया।
 
उन्होंने कहा कि यहां एक गांव में उन्होंने शौचालयों पर 'इज्जत घर' लिखा देखा। इसे देखकर वह काफी खुश हुए क्योंकि यह सही है कि जहां इज्जत घर है वहां मां बहन और बेटियों की इज्जत सुरक्षित है। जिसको इज्जत की चिंता है वह इज्जत घर बनवाएगा। (वार्ता)

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