JNU में हिंसा पर शुरू हुई सियासत, रजिस्ट्रार से मांगी रिपोर्ट, कांग्रेस बोली- भाजपा के गुंडों ने किया हमला
जेएनयू कैंपस में हुई हिंसा के बाद अब सियासत शुरू हो गई है। रविवार को कैंपस में नकाबपोश छात्रों ने हमला कर दिया था। इसमें 18 छात्र घायल हो गए थे। इन छात्रों को आज एम्स से छुट्टी मिल गई है। छात्रों के वाम संगठन और एबीवीपी दोनों ही तरफ से एक-दूसरे पर हमले में शामिल होने का आरोप लगा रहे। गृह मंत्रालय ने पुलिस और मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार से इस बारे में रिपोर्ट तलब की है। जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है।
सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि जेएनयू हमले से साबित होता है, जेएनयू कैंपस पर हमला पूर्व नियोजित था। हमले में जेएनयू प्रशासन का समर्थन था। गुंडे भाजपा के थे। छात्रों/ शिक्षकों को पीटा गया था और दिल्ली पुलिस मूकदर्शक बनी रही। क्या यह गृहमंत्री के मौन समर्थन के बिना हो सकता है?
क्या था विवाद : छात्रावास की बढ़ी फीस को लेकर छात्र संघ के बैनर तले परिसर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहा था। इस दौरान छात्र संघ के दो गुटों में झड़प हुई। इसके बाद अचानक कुछ नकाबपोश लाठियां लेकर आए और हमला कर दिया। बीच-बचाव में कई प्रोफेसर भी घायल हो गए। प्रदर्शनकारी साबरमती टी प्वांइट से साबरमती सहित अन्य छात्रावास पहुंचे। नकाबपोश भी पीछा करते हुए आ गए और हमला बोल दिया। प्रदर्शनकारियों ने छात्रों की भी पिटाई की।
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