बेंगलुरु। कोरोनावायरस महामारी के बीच देश की प्रतिष्ठित एरोस्पेस एवं रक्षा प्रदर्शनी एरो इंडिया 2021 बुधवार को यहां आरंभ होगी और इसमें 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' और 'मेक इन इंडिया' का प्रभाव दिखेगा। यह प्रदर्शनी प्रत्यक्ष एवं डिजिटल दोनों प्रकार के माध्यम में होगी। अधिकारियों ने बताया कि इस द्विवार्षिक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम का यह 13वां संस्करण है और एलहांका एयरफोर्स स्टेशन पर होने वाला यह दुनिया का पहला मिश्रित किस्म का एरोस्पेस शो होगा।
3 दिवसीय आयोजन में प्रवेश के लिए आरटी-पीसीआर जांच की रिपोर्ट आवश्यक है जिसमें संक्रमणरहित होने की पुष्टि की गई हो। जांच रिपोर्ट 31 जनवरी या बाद की होनी चाहिए। कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर विमानों की प्रदर्शनी के स्थल पर 1 दिन में सिर्फ 3 हजार आगंतुकों की ही इजाजत होगी। अधिकारियों ने बताया कि आयोजन में 601 कंपनियों ने हिस्सा लेने की पुष्टि की है जिनमें से 523 भारतीय तथा 78 विदेशी हैं। इसमें 14 देशों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। इसमें रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) अपनी आधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी तथा प्रणालियों को प्रदर्शित करेगी।
राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स लिमिटेड, भारत के कॉर्पोरेट क्षेत्रीय निदेशक एली हेफेट्स ने कहा कि हम स्वेदशी उत्पादन, जानकारी के हस्तांतरण और वैश्विक औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की 'मेक इन इंडिया' नीति और 'आत्मनिर्भर भारत मिशन' का समर्थन करेंगे।
दसॉल्ट सिस्टम्स, इंडिया में एरोस्पेस एंड डिफेंस के इंडस्ट्री लीड एवं निदेशक रविकिरण पोथुकुची ने कहा कि भारत में एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, क्योंकि यहां की सरकार बड़े पैमाने पर आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण कार्यक्रमों का संचालन कर रही है। विमान प्रदर्शनी के मुख्य आकर्षण होंगे 'सूर्यकिरण' विमान और 'सारंग' हेलीकॉप्टर। साउथ डकोटा में एल्वर्थ एयरफोर्स बेस की 28वीं बॉम्ब विंग का बी-1बी लांसर हैवी बॉम्बर 'फ्लाय बाय' प्रस्तुत करेगा। (भाषा)