G7 summit Italy: कांग्रेस ने नई दिल्ली में गुरुवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) अपनी गिरती अंतरराष्ट्रीय छवि को बचाने के मकसद से जी7 शिखर सम्मेलन (G7 summit) में शामिल होने जा रहे हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने 2007 के जी7 शिखर सम्मेलन का उल्लेख करते हुए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 'ग्लोबल साउथ' (विकासशील देशों) की आवाज बनकर उभरे थे।
जी7 शिखर सम्मेलन में आज इटली रवाना होंगे मोदी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरे कार्यकाल में कार्यभार संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत वार्षिक जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आज इटली रवाना होंगे। जी7 शिखर सम्मेलन का आयोजन इटली के अपुलिया क्षेत्र में लग्जरी रिजॉर्ट बोरगो एग्नाजिया में 13 से 15 जून तक होना है। बैठक में यूक्रेन में युद्ध और गाजा संघर्ष का मुद्दा छाए रहने की संभावना है।
यह कहा रमेश ने : रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया कि अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, इटली, ब्रिटेन और जापान के राष्ट्राध्यक्षों का जी7 शिखर सम्मेलन 1970 के दशक से होता आ रहा है। 1997 से 2014 के बीच रूस भी इसका सदस्य था। 2003 से भारत, चीन, ब्राजील, मैक्सिको और दक्षिण अफ्रीका को भी जी7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि भारत के दृष्टिकोण से सबसे अहम जी7 शिखर सम्मेलन जून, 2007 में जर्मनी के हेलिगेंडम में हुआ था। यहीं पर वैश्विक जलवायु परिवर्तन वार्ता में समानता सुनिश्चित करने के लिए प्रसिद्ध 'सिंह-मर्केल फॉर्मूला' पहली बार दुनिया के सामने प्रस्तुत किया गया था। इसके बारे में अभी भी बात होती है।
रमेश के मुताबिक तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने तब इतिहास रचा था। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह खोखली आत्मप्रशंसा के माध्यम से नहीं, बल्कि ठोस काम के आधार पर 'ग्लोबल साउथ' की आवाज बनकर उभरे थे।
उन्होंने कहा कि नि:संदेह हमारे एक तिहाई प्रधानमंत्री से इस इतिहास को जानने या स्वीकार करने की अपेक्षा करना बहुत दूर की बात है, क्योंकि वे इस वर्ष के शिखर सम्मेलन में अपनी कम होती अंतरराष्ट्रीय छवि को बचाने के लिए आज इटली के लिए रवाना हो रहे हैं।(भाषा)