25 success mantras of Ratan Tata: भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में 9 अक्टूबर, 2024 की रात निधन हो गया। 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में रतन टाटा का व्यक्तित्व और उनकी सोच सबसे अलग थीं। उनके कुछ ऐसे प्रेरणादायक वाक्य हैं, जिससे कोई भी व्यक्ति अपनी जीवन में परिवर्तन ला सकता है। आइए जानते हैं उद्योग जगत के 'रतन' टाटा की प्रेरणादायक बातों के बारे में....
अवसरों की प्रतीक्षा न करें, बल्कि अपने अवसर खुद बनाएं।
मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं रखता। मैं पहले निर्णय लेता हूं और फिर उन्हें सही बनाता हूं।
अपने मूल्यों और सिद्धांतों से कभी भी समझौता नहीं करें, भले ही इसके लिए आपको कठिन रास्ता ही क्यों नहीं अपनाना पड़े।
नेतृत्व का मतलब प्रभारी होना नहीं है। यह आपके प्रभार में आने वाले लोगों की देखभाल करने के बारे में है।
सहानुभूति और दयालुता एक लीडर की सबसे बड़ी ताकत हो सकती है।
नेतृत्व जिम्मेदारी लेने के बारे में है, बहाना बनाने के बारे में नहीं।
सफलता आपके पद से नहीं बल्कि दूसरों पर आपके प्रभाव से मापी जाती है। अत: सफलता को अपने सिर पर हावी मत होने दो और असफलता को अपने दिल पर।
जीवन में आगे बढ़ने के लिए उतार-चढ़ाव बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ईसीजी की सीधी रेखा का मतलब है कि हम जीवित नहीं हैं।
जीतने का एकमात्र तरीका यह है कि हारने से नहीं डरें।लोहे को कोई नष्ट नहीं कर सकता, परन्तु जंग उसे नष्ट कर सकती है। इसी तरह कोई भी व्यक्ति को नष्ट नहीं कर सकता, लेकिन उसकी मानसिकता उसे नष्ट कर सकती है।
हमें केवल उन अवसरों का अफसोस होता है, जिन्हें हमने नहीं भुनाया।
आपको एक लड़ाई जीतने के लिए एक से अधिक बार लड़ना पड़ सकता है।
सबसे बड़ी असफलता प्रयास नहीं करना है।
मैं चीजों को भाग्य पर छोड़ने में विश्वास नहीं करता। मैं कड़ी मेहनत और तैयारी में विश्वास करता हूं।
जब आप एक सपने के साथ शुरुआत करते हैं और जुनून के साथ काम करते हैं तो सफलता अवश्य मिलती है।
यदि आप तेजी से चलना चाहते हैं, तो अकेले चलें। यदि आप दूर चलना चाहते हैं तो साथ-साथ चलें।
सबसे बड़ी जोखिम कोई जोखिम नहीं उठाना है। तेजी से बदलती दुनिया में, केवल एक रणनीति विफल होने की गारंटी है जो जोखिम नहीं उठाना है।
यदि लोग आप पर जो पत्थर फेंकते हैं तो उन्हें ले लीजिए और उनका उपयोग स्मारक बनाने में कीजिए।
अपनी जड़ों को कभी मत भूलो और हमेशा उन पर गर्व करो जहां से तुम आए हो।
मैं उन लोगों की प्रशंसा करता हूं जो बहुत सफल हैं। यदि सफलता बहुत अधिक क्रूरता से हासिल की गई है, तो मैं उस व्यक्ति की कम प्रशंसा कर सकता हूं।
दूसरों के साथ अपने व्यवहार में दयालुता, सहानुभूति और करुणा की शक्ति को कभी कम मत समझो।
एक दिन आपको पता चलेगा कि भौतिक चीजों का कोई मतलब नहीं है। जो मायने रखता है वह है आपसे प्यार करने वाले लोगों का कल्याण।
मैं जो करना चाहता हूं वह यह है कि मैं अपने पीछे ऐसी कंपनियों का एक स्थायी समूह छोड़ जाऊं, जो नैतिकता और मूल्यों के संदर्भ में अनुकरणीय तरीके से काम करें और जो हमारे पूर्वज छोड़ गए थे, उसे जारी रखें।
जिस दिन मैं अपने लिए कुछ नहीं कर पाऊंगा, उसी दिन मैं अपना बैग पैक करूंगा और चला जाऊंगा।