राजपथ बना शक्तिपथ : भारत की आन बान शान का शानदार प्रदर्शन

Webdunia
शुक्रवार, 26 जनवरी 2018 (12:59 IST)
नई दिल्ली। देश के 69वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर विजय चौक से ऐतिहासिक लालकिले तक देश की आन-बान-शान का शानदार नजारा देखा गया। इसमें प्राचीन काल से चली आ रही भारत की अनूठी एकता में पिरोई विविधताओं वाली विरासत, आधुनिक युग की विभिन्न क्षेत्रों की उसकी उपलब्धियां और देश की सुरक्षा की गारंटी देने वाली फौज की क्षमता का भव्य प्रदर्शन हुआ।
 
इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड की खासियत मुख्य अतिथि के रूप में आसियान के 10 देशों के नेताओं एवं शासनाध्यक्षों की मौजूदगी रही। सलामी मंच पर ये सभी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ मौजूद थे। 
 
आसियान देशों के नेता जयपुरी बांधनी चुन्नी ओढ़ कर समारोह में हिस्सा लेने आए थे। सलामी मंच पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मौजूदगी में राजपथ पर आज भारत की संस्कृति के रंगों और रक्षा क्षेत्र की ताकत का प्रदर्शन किया गया।
 
परेड में जहां सारी दुनिया में सबसे अधिक विविधता वाले देश भारत को एक सिरे में पिरोने वाली उसकी हर कोने की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाया। वहीं अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों, विमानों और भारतीय सैनिकों के दस्तों ने देश के किसी भी चुनौती से निपट सकने की ताकत का अहसास कराया।
 
सबसे अंत में रोमांच से भर देने वाले वायु सेना के अत्याधुनिक विमानों को राजपथ के उपर से हैरतअंगेज कारनामों के साथ उड़ान भरते देख कर उन विमानों की ताकत के साथ ही वायुसेना के पायलटों का हुनर और जांबाज़ी का अहसास हुआ।
 
गणतंत्र दिवस परेड में ही नहीं बल्कि उसे देखने आए देश के हर क्षेत्र, समुदाय, जाति और धर्म के उमड़े जन सैलाब ने अनेकता में एकता के जज़्बे का अनूठा प्रदर्शन किया। परेड के 8 किलोमीटर के रास्ते में बच्चों, महिलाओं, युवाओं और वृद्धों के चेहरों की चमक और उत्साह देखते ही बनता था।
 
करीब 10 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तिरंगा फहराया। राष्ट्रगान की धुन के बीच 21 तोपों की सलामी के साथ परेड शुरू हुई। परेड से पहले सलामी मंच पर जम्मू कश्मीर में एक अभियान के दौरान दो आतंकवादियों को मार गिराने वाले भारतीय वायु सेना के गरुड़ कमांडो ज्योति प्रकाश निराला को मरणोपरांत शांतिकाल के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। आंखों में गर्व का भाव लिए कमांडो निराला की पत्नी सुषमानंद और मां मालती देवी ने राष्ट्रपति से सम्मान ग्रहण किया। इस दौरान राष्ट्रपति भावुक दिखे।
 
गणतंत्र दिवस परेड का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल असित मिस्त्री ने किया। इसमें मेकैनाइज्ड इन्फैन्ट्री रेजीमेंट, गोरखा ट्रेनिंग सेंटर, पंजाब रेजिमेंट, पैरा रेजिमेंटल सेंटर, मद्रास रेजिमेंटल सेंटर, मराठा लाइट इंफ्रेंट्री, डोगरा रेजिमेंट, मराठा एवं राजपूताना रेजिमेंट का संयुक्त बैंड, लद्दाख स्काउट्स, तोपखाना दस्ता, प्रदेशिक दस्ता, 123 इंफैंट्री बटालियन, दिल्ली पुलिस के बैंड दस्ते ने सधे कदमों के साथ प्रस्तुति दी।
 
परेड के दौरान एक टुकड़ी ने आसियान देशों के ध्वज को लेकर मार्च किया। इसमें 61वीं कैवेलरी दस्ता ने हिस्सा लिया। इसमें टी-90 भीष्म टैंक, ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली के साथ हथियार खोजी रडार ‘स्वाथि’ के अलावा ब्रिज लेयर टैंक टी-72, आकाश वायु रक्षा प्रणाली का भी प्रदर्शन किया गया। परेड में रूद्र अैर ध्रुव का डायमंड फर्मेशन प्रस्तुत किया गया।
 
परेड में नौसेना की मार्चिंग टुकड़ी और नौसेना की झांकी भी दिखी जिसमें आईएनएस विक्रांत को पेश किया गया। वायु सेना के मार्चिंग टुकड़ी के बाद वायु सेना की भी एक झांकी पेश की गई जिसमें महिला शक्ति और स्वदेशी को प्रदर्शित किया गया।
 
गणतंत्र दिवस परेड में नारी शक्ति का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला और बीएसएफ के महिला मोटर साइकिल सवार दस्ते ने हैरतअंगेज करतब दिखाए। राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के अलावा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य और विभिन्न दलों के नेता उपस्थित रहे।
 
इस साल गणतंत्र दिवस की परेड में राजपथ पर निकलने वाली झांकियों में आकाशवाणी की झांकी भी थी, जिसमें प्रधानमंत्री के बहुचर्चित मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' को दिखाया गया। परेड में पहली बार अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाले आकाशवाणी की झांकी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम 'मन की बात' को थीम बनाया गया।
 
झांकी में विभाजन की विभीषिका से जूझ रहे देश में भड़के सांप्रदायिक दंगों के समय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के रेडियो पर प्रसारित संदेश से लेकर 'मन की बात' में मोदी के संदेश राजपथ पर प्रदर्शित हुए। आकाशवाणी में सात दशक में हुए बदलाव और आधुनिक रूप की झलक भी पेश की गई।
 
गणतंत्र दिवस की परेड में इस वर्ष पहली बार आयकर विभाग की भी झांकी प्रदर्शित हुई। इसका विषय नोटबंदी के बाद उसके द्वारा शुरू किया गया कालाधन-रोधी विशेष अभियान था। झांकी का विषय ‘ऑपरेशन क्लीन मनी’ (ओसीएम) था। इसमें अभियान को सफल बनाने में लोगों के विशेष सहयोग को दिखाया गया।
 
कृषि क्षेत्र के लिए शोध करने वाले सरकारी संस्थान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की झांकी इस बार पहली बार गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल की गई। इस झांकी का मूल विषय एकीकृत खेती है जिसका लक्ष्य किसानों की आय को दोगुना करना है। 
 
परेड के दौरान स्कूली बच्चों ने शानदार प्रस्तुतियां दी और इस दौरान राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और समारोह के अतिथि काफी खुश नजर आए।
 
इस बार गणतंत्र दिवस परेड में भारत के विदेश मंत्रालय की दो झांकियां प्रस्तुत की गई। इन झांकियों में भारत के आसियान देशों के साथ संबंधों को दिखाया गया।
 
इसके बाद राज्यों की झांकी पेश की गई जिनमें मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, केरल, असम, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर और गुजरात शामिल हैं। गुजरात की झांकी में साबरमती आश्रम की गतिविधियों और दांडी मार्च पर निकल रहे गांधी जी के भित्तचित्र को दर्शाया गया।
 
इनके अलावा अर्धसैन्य बलों की झांकियों में भारत तिब्बत सीमा पुलिस की झांकी भी राजपथ से गुजरी। इसके बाद मंत्रालयों की झांकियां पेश की गई।
 
परेड के अंत में वायुसेना के विमानों ने अद्भुत करतब दिखाए। इसमें सुखोई 30 एमकेआई विमानों ने त्रिशूल फार्मेशन पेश किया जबकि तेजस विमानों ने ‘विक्ट्री फार्मेशन पेश किया। इसके अलावा पांच मिग-29 विमानों ने 'एयरो हेड फार्मेशन' प्रस्तुत किया। सुखोई-30 विमानों के बीच में सी-17 ग्लोबमास्टर ने प्रस्तुती दी। इसके अलावा सी-130जे हरक्यूलियस विमानों एवं जगुआर विमानों ने भी परेड में हिस्सा लिया। (भाषा) 
 

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