राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने पहलगाम आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि गृहमंत्री अमित शाह भी भागवत के साथ बैठक में मौजूद थे। पाकिस्तान से संबंध रखने वाले आतंकवादियों द्वारा 22 अप्रैल को किए गए आतंकी हमले के बाद सरकार द्वारा जवाबी कार्रवाई के विकल्पों पर विचार किए जाने के बीच प्रधानमंत्री आवास पर दोनों नेताओं (शाह और भागवत) ने अपने विचार साझा किए। सूत्रों ने बताया कि यह बैठक आतंकी हमले के सिलसिले में हुई। मीडिया खबरों के मुताबिक यह बैठक डेढ़ घंटे तक चली।
बैठक के क्या हैं मायने
आरएसएस को केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा का वैचारिक मार्गदर्शक माना जाता है इसलिए यह बैठक मायने रखती है। यह बैठक मोदी द्वारा यहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुखों सहित शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता किए जाने के बाद हुई।
आरएसएस ने की थी सजा देने की मांग
आरएसएस ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए इसे राष्ट्र की एकता और अखंडता पर हमला बताया है और इसे अंजाम देने वालों को उपयुक्त सजा देने की मांग की। इसने कहा कि सभी राजनीतिक दलों और संगठनों को आपसी मतभेदों से ऊपर उठकर इस आतंकी हमले की निंदा करनी चाहिए। सरकार को प्रभावित परिवारों को सभी आवश्यक राहत और सहायता सुनिश्चित करनी चाहिए और इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों की उपयुक्त सजा सुनिश्चित करनी चाहिए। इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma