मुंबई/नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने संकट में फंसे Yes Bank के पुनर्गठन की योजना का प्रारूप शुक्रवार को जारी किया, जिसमें कहा गया है कि बैंक की पूंजी 5 हजार करोड़ रुपए है और रणनीतिक निवेशक बैंक 49 प्रतिशत हिस्सेदारी ले सकता है।
बैंकिंग नियामक द्वारा इस प्रारूप को अपनी वेबसाइट पर जारी करने के तत्काल बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र का भारतीय स्टेट बैंक Yes Bank की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी ले सकता है। उन्होंने कहा कि बैंक की यह पुनर्गठन योजना एक महीने के भीतर पूरी की जाएगी और इसके तहत प्रशासक के स्थान पर निदेशक मंडल बनाया जाएगा।
केन्द्रीय बैंक ने इस प्रारूप में कहा है कि रणनीतिक निवेशक 3 साल तक अपनी हिस्सेदारी 26 प्रतिशत से कम नहीं कर सकेगा। रिजर्व बैंक ने इस प्रारूप पर आम लोगों, बैंकों, शेयरधारकों, जमाकर्ताओं और ऋणदाताओं से 9 मार्च तक सुझाव मांगे हैं। इसके बाद इस संबंध में निर्णय लिए जाएंगे। उसने एक बयान में कहा कि प्रारूप पर Yes Bank और भारतीय स्टेट बैंक से भी सुझाव मांगे गए हैं।
रिजर्व बैंक ने गुरुवार को Yes Bank के कामकाज पर अस्थाई प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था, जो 3 अप्रैल तक प्रभावी रहेगा। केन्द्रीय बैंक ने इसके जर्माकर्ताओं की निकासी सीमा भी 50 हजार रुपए निर्धारित कर दी है। हालांकि शादी-विवाह, उपचार, उच्च शिक्षा और अन्य अपरिहार्य स्थितियों के मामलों में छूट मिल सकती है।