पवार ने कहा कि उनके भतीजे एवं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा शुक्रवार को पेश किए गए बजट में घोषित की गई रियायतें राज्य विधानसभा चुनाव से पहले यह दिखाने का एक प्रयास मात्र है कि वे कुछ बड़ा करने जा रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित होने के तुरंत बाद बिरला ने आपातकाल लगाए जाने की निंदा करते हुए बुधवार को एक प्रस्ताव पढ़ा था। उन्होंने आपातकाल लगाए जाने को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा संविधान पर हमला बताया था।
पवार ने इसका जिक्र करते हुए कहा, लोकसभा अध्यक्ष के अपने संबोधन में आपातकाल का जिक्र करना, इस पद की गरिमा के अनुरूप नहीं था। आपातकाल को 50 साल हो चुके हैं और इंदिरा गांधी अब जीवित नहीं हैं, तो फिर अध्यक्ष अब इस मुद्दे को क्यों उठा रहे हैं?
उन्होंने कहा, क्या राजनीतिक बयान देना अध्यक्ष का काम है? हमें लगता है कि उनका बयान उचित नहीं था। राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी इस मुद्दे का संक्षिप्त उल्लेख था। यह भी जरूरी नहीं था। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour