कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की एक किताब पर आयोजित पैनल चर्चा में सिन्हा ने कहा कि अगर एक वकील वित्तीय मामलों की बात कर सकता है, अगर एक टीवी अभिनेत्री मानव संसाधन विकास मंत्री बन सकती हैं और एक ‘चायवाला’... बन सकता है...तो मैं अर्थव्यवस्था की बात क्यों नहीं कर सकता?
हालांकि भाजपा नेता ने किसी का नाम नहीं लिया, उनका इशारा साफ तौर पर वित्त मंत्री अरूण जेटली, पूर्व में एचआरडी मंत्री रहीं मौजूदा सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ था।
सिन्हा ने यह भी कहा कि वह अपनी पार्टी को चुनौती नहीं दे रहे बल्कि भाजपा के और राष्ट्रीय हित में उसे आईना दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी, नोटबंदी, बेरोजगारी को लेकर लोगों के गुस्से को देखते हुए मैं यह नहीं कहना चाहता कि भाजपा को कितनी सीटें मिलेंगी लेकिन निश्चित तौर पर ये चुनाव एक विशेष चुनौती होने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'मैं बस इतना कहूंगा कि मामला गंभीर है और ये चुनाव नहीं बल्कि चुनौती हैं।' यह पूछे जाने पर कि क्या वह किसी दूसरे राजनीतिक दल में शामिल हो सकते हैं, सिन्हा ने अपने जाने पहचाने संवाद के साथ जवाब दिया, 'खामोश।' (भाषा)