सामना ने लिखे संपादकीय में कहा गया है कि राम मंदिर का निर्माण हो इसके लिए सैकड़ों कारसेवकों ने अपना बलिदान दिया है। उनकी शहादत और खून को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। अखंड हिंदुस्तान का सपना साकार होगा और दुनियाभर में श्रीराम के देश की जय-जयकार होगी। इसे ही रामराज्य कहते हैं। इस आलेख में शिवसेना ने विरोधियों की तुलना रावण, विभीषण, कंस आदि से की।