मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर की रहने वाली शबनम की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया तथा इस याचिका को भी पहले से दायर उन याचिकाओं के साथ शामिल करने का निर्देश दिया जिन्हें संविधान पीठ को भेजा जा चुका है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि बहुविवाह और निकाह हलाला की प्रथा की संविधान के दायर में न्यायिक समीक्षा से छूट नहीं दी जानी चाहिए। याचिका में कहा गया है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) आवेदन अधिनियम, 1937 की धारा 2 को संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21 और 25 का उल्लंघन करने वाला घोषित किया जाए, क्योंकि यह बहुविवाह और निकाह हलाला को मान्यता देता है।