शीर्ष अदालत ने विनोद की याचिका पर मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। विनोद को शहडोल की निचली अदालत ने इसी साल 28 फरवरी को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे विनोद ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने भी 9 अगस्त को अपने फैसले में फांसी की सजा को बरकरार रखा था।
गौरतलब है कि विनोद ने 13 मई 2017 को 4 साल की बच्ची के साथ रेप किया था और बाद में उसकी हत्या कर थी। यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि मध्यप्रदेश सरकार ने बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर विधानसभा में बिल पास किया था, जिसमें बच्चियों से बलात्कार के आरोपियों को फांसी देने की बात कही गई थी।