लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में वरुण गांधी ने कहा कि भारत में असमानता प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। भारत में 1 प्रतिशत अमीर लोग देश की कुल संपदा के 60 प्रतिशत के मालिक हैं। 1930 में 21 प्रतिशत लोगों के पास इतनी संपदा थी। भारत में 84 अरबपतियों के पास देश की 70 प्रतिशत संपदा है। यह खाई हमारे लोकतंत्र के लिए हानिकारक है।
भाजपा सांसद ने कहा कि हमें जनप्रतिनिधि के तौर पर देश की सामाजिक, आर्थिक हकीकत के प्रति सक्रिय होना चाहिए। हालांकि वे समझते हैं कि सभी सांसद ऊंची आर्थिक स्थिति नहीं रखते हैं और कई अपनी आजीविका के लिए वेतन पर ही निर्भर करते हैं।
भाजपा सांसद ने कहा कि 16वीं लोकसभा के बचे हुए कार्यकाल में हमारे वेतन को जस का तस रखने का फैसला भी इस दिशा में एक स्वागतयोग्य कदम हो सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि ब्रिटेन की रिव्यू बॉडी ऑन सीनियर सैलरी की तरह एक स्वतंत्र वैधानिक संस्था की स्थापना की जा सकती है, जो ऐसे फैसले की वहनीयता और सांसद की वित्तीय क्षतिपूर्ति की जांच करेगी और फैसला करेगी।