भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से ठीक एक दिन पहले ऐतिहासिक फैसला लेते हुए ग्रुप कैप्टर शालिजा धामी (Shaliza Dhami) को फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट की कमान सौंपी है। धामी ऐसी पहली महिला हैं, जिन्हें यह अहम जिम्मेदारी मिली है। उल्लेखनीय है कि ग्रुप कैप्टन का पद सेना के कर्नल के समकक्ष होता है।
भारतीय वायुसेना में 2003 में कमीशन प्राप्त करने वाली धामी क्वालीफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रेक्टर हैं। उनकी नियुक्ति हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में हुई थी। उन्हें 2800 घंटे की उड़ान का भी अनुभव है। वे पश्चिमी सेक्टर में हेलीकॉप्टर यूनिट की कमांडर भी रह चुकी हैं। वर्तमान में वे फ्रंटलाइन कमांड मुख्यालय की ऑपरेशंस ब्रांच में कार्यरत हैं।
पंजाब के लुधियाना में जन्मीं धामी को 2005 में फ्लाइट लेफ्टिनेंट और वर्ष 2009 में स्क्वाड्रन लीडर के रूप में पदोन्नत किया गया था। वे अब देश के संवेदनशील सीमा क्षेत्रों में मिसाइल तैयारी और कमांड कंट्रोल की देखरेख करेंगी। धामी को उत्कृष्ट कार्य के लिए सराहना भी मिल चुकी है। उन्होंने पहली बार वर्ष 2003 में एचएएल एचपीटी-32 दीपक से पहली बार अकेले उड़ान भरी थी।