Bridge collapse in Bihar : बिहार के भागलपुर जिले में रविवार शाम को गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल ढह गया। भागलपुर को खगड़िया जिले से जोड़ने वाले अगुवानी-सुल्तानगंज पुल के गिरने से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। इस बीच राज्य सरकार के अधिकारियों ने दावा किया कि डिजाइन की खामियां थी इस वजह इसके कुछ हिस्सों को विशेषज्ञों की सलाह के तहत योजनाबद्ध तरीके से जानबूझकर ध्वस्त किया गया। कहा जाता है कि इस परियोजना की अनुमानित लागत 1,700 करोड़ रुपए हैं।
खगड़िया में हुई इस घटना की तस्वीरें सामने आने के बाद विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला। इसके बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और सड़क निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने आनन-फानन में प्रेसवार्ता आयोजित की।
यादव ने कहा कि आपको याद दिला दूं कि पिछले साल 30 अप्रैल को इस पुल का एक हिस्सा ढह गया था। इसके बाद, हमने निर्माण मामलों में अपनी विशेषज्ञता के लिए मशहूर आईआईटी-रुड़की से एक अध्ययन करने के लिए संपर्क किया। इसकी अंतिम रिपोर्ट आनी बाकी है लेकिन संरचना का अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों ने हमें सूचित किया था कि इसमें गंभीर खामियां हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले साल इस पुल का एक हिस्सा आंधी में ढह गया था। यह एक ऐसी घटना थी, जिसके बारे में व्यापक रूप से चर्चा हुई थी और मैंने विपक्ष के तत्कालीन नेता के रूप में इसे मजबूती से उठाया था। सत्ता में आने पर हमने जांच के आदेश दिए और विशेषज्ञों की राय मांगी।
उन्होंने कहा कि अंतिम रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार उस कंपनी को काली सूची में डालने और प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई करेगी, जिसे परियोजना का ठेका दिया गया था।
अमृत ने यह भी कहा कि घटना की खबर मिलने के तुरंत बाद उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुलाया और दुर्घटना पर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी।
इस बीच, विपक्षी दल भाजपा ने इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस्तीफा मांगा है। भाजपा नेता एवं भागलपुर के पूर्व सांसद सैयद शाहनवाज हुसैन ने घटना के लिए भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराते हुए मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि यह घटना दर्शाती है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार के शासन में भ्रष्टाचार व्याप्त है। उन्होंने कहा कि पुल के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। मुख्यमंत्री को बिहार के विकास की जरा भी चिंता नहीं है... वह अपने दौरे पर व्यस्त हैं। इस घटना के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।