Women Reservation Bill : संसद के दोनों सदनों ने लोकसभा और विधानसभा में 33 फीसदी महिला आरक्षण बिल पर अपनी मुहर लगा दी। इस बिल के तहत लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण 15 साल के लिए मिलेगा। हालांकि ये आरक्षण राज्यसभा या विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा। राज्यसभा में बिल को 100 फीसदी समर्थन मिला तो लोकसभा में केवल 2 सांसदों ने बिल का विरोध किया।
संसद से बिल पास होने के बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद महिला आरक्षण बिल, कानून बन जाएगा। सभी राज्य विधानसभाओं में भी बिल को पास कराना होगा। हालांकि, पहले जनगणना और सीटों के परिसीमन का काम होगा। सरकार का कहना है कि इस प्रक्रिया को अगले साल शुरू किया जाएगा।
हालांकि सभी दलों की सहमति की वजह से बिल की आगे की राह ज्यादा मुश्किल नहीं दिखाई देती। सभी राज्यों में भी इसे विधायकों की मंजूरी आसानी से मिल जाएगा। हालांकि प्रक्रिया जटिल होने की वजह से इसमें समय जरूर लगेगा।
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह 2029 से पहले कभी भी लागू हो सकता है। इसके लिए सिर्फ जनगणना के आंकड़ों और परिसीमन का इंतजार करना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने महिला आरक्षण बिल के राज्यसभा में पास हो जाने के बाद सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा कि हमारे देश की लोकतांत्रिक यात्रा में यह एक निर्णायक क्षण है। 140 करोड़ भारतीयों को बधाई। मैं उन सभी राज्यसभा सांसदों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए वोट किया। इस तरह का सर्वसम्मत समर्थन वास्तव में खुशी देने वाला है।