1. दिव्य विवाहों का दिन: पंगुनी उथिरम को दिव्य विवाहों का दिन माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती, भगवान मुरुगा और देवी देवयानी, भगवान राम और देवी सीता, और भगवान विष्णु (रंगनाथ) और देवी अंडाल के विवाह संपन्न हुए थे। इसलिए, यह दिन विवाह और मजबूत रिश्तों के लिए बहुत शुभ माना जाता है।
3. भगवान मुरुगा को समर्पित: पंगुनी उथिरम मुख्य रूप से भगवान मुरुगा जिन्हें स्कंद या कार्तिकेय भी कहा जाता है, को समर्पित है। इस दिन, मुरुगा मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और उत्सव आयोजित किए जाते हैं। भक्त कावड़ी अट्टम या एक प्रकार का भक्ति नृत्य करते हैं और अपनी भक्ति और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए मंदिरों में भेंट चढ़ाते हैं।
4. शुभ विवाह मुहूर्त: पंगुनी उथिरम को विवाह के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। यह माना जाता है कि इस दिन विवाह करने वाले जोड़ों को दिव्य आशीर्वाद मिलता है और उनका वैवाहिक जीवन सुखमय और समृद्ध होता है। इसलिए, कई तमिल हिंदू इस शुभ दिन पर विवाह बंधन में बंधते हैं।
5. महालक्ष्मी जयंती: कुछ मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन क्षीर सागर मंथन के दौरान देवी महालक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था, इसलिए इसे महा लक्ष्मी जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन देवी लक्ष्मी की भी विशेष पूजा की जाती है।
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