सूबह होते ही गृहिणी घर में गुडहा चीला, अनरसा, सोहारी, चौसेला, ठेठरी, खूरमी, बरा, मुरकू, भजिया, मूठिया, गुजिया, तसमई आदि छत्तीसगढी पकवान बनाने में लग जाती है। किसान अपने गौमाता व बैलों को नहलाते धोते हैं। उनके सींग व खूर में पेंट या पॉलिश लगाकर कई प्रकार से सजाते हैं। गले में घुंघरू, घंटी या कौड़ी से बने आभूषण पहनाते हैं। तथा पूजा कर आरती उतारते हैं।