Prayagraj Mahakumbh 2025 Astrology: सनातन धर्म तथा भारतीय संस्कृति में कुंभ का विशेष महत्व है, कुंभ का बहुत विस्तृत अर्थ है। सामान्यतया कुंभ शब्द का तात्पर्य घट, घड़ा या कलश से लिया जाता है परंतु सनातन धर्म में कुंभ शब्द मंगल सूचक तथा शुभ संकेत माना जाता है। पौराणिक काल से आधुनिक युग तक प्रत्येक मांगलिक कार्यों चाहे वह किसी का विवाह हो, भूमि पूजन हो या गृह प्रवेश सभी में कुंभ का उपयोग किया जाता है। यहां पर कुंभ प्रयोजन से तात्पर्य महाकुंभ पर्व से है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए जिसको पाने की इच्छा से देवता तथा असुरों में संघर्ष हुआ तथा इसी संघर्ष में चार स्थान जिसमें प्रयागराज, उज्जैन, नासिक तथा हरिद्वार में अमृत बूंदे गिर गई, जहां पर कुंभ महापर्व का आयोजन किया जाता है। इस क्रम में 14 जनवरी 2025 से कुंभ महापर्व का आयोजन प्रयागराज में किया जा रहा है जिसका धार्मिक एवं ज्योतिषी महत्व है।