Stampede in Prayagraj Mahakumbh: स्थान : प्रयागराज महाकुंभ... 28 जनवरी की रात करीब 1 बजे का समय... अमृत स्नान के लिए श्रद्धालु संगम की ओर बढ़ रहे थे। अखाड़ों के स्नान के लिए कई जगह बैरिकेड्स लगे हुए थे। अखाड़ों के स्नान की वजह से लोगों को रोका जा रहा है। स्नान की उम्मीद में आगे बढ़ रहे श्रद्धालुओं को जब जगह-जगह बैरिकेड्स दिखाई दिए तो उनका धैर्य जवाब दे गया। उनमें से कुछ लोगों ने बैरिकेड्स को फांदना शुरू कर दिया। इस उपक्रम में कुछ लोग गिर गए। कुछ लोग सोते हुए लोगों पर भी गिर पड़े। इससे श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान भगदड़ में कई लोगों की जान चली गई और कई श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए।
जैसे ही यह घटना सामने आई, सभी अखाड़ों ने अमृत स्नान का फैसला टाल दिया। हालांकि हालात सामान्य होने के बाद भारी मन से अखाड़ों ने स्नान किया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार महानिर्वाणी और पंचायती अटल अखाड़े स्नान करने पहले संगम तट पर पहुंचे। इस हादसे के बाद लोग अपनों को खोजने के लिए इधर-उधर भटकते देखे गए। एक महिला ने बताया कि दबने से उसकी मां की मौत हो गई। कुछ लोग इसलिए बेहाल और दुखी नजर आ रहे थे कि उनके परिजन उन्हें नहीं मिल पा रहे थे। एक पुल पर श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ थी कि तिल धरने को जगह नहीं थी।
हालांकि पुलिस और प्रशासन ने हालात को संभालने का पूरा प्रयास किया। लेकिन, करोड़ों की भीड़ को संभालना उतना आसान नहीं होता। आशंकाएं तो पहले से ही व्यक्त की जा रही थीं कि करोड़ों के जनसैलाब को संभालना सरकार और स्थानीय प्रशासन के बस की बात नहीं है। कुंभ में हादसा स्थल पर बिखरा सामान खुद ही हकीकत बयां कर रहा था। इस हादसे में दर्जन भर लोगों के मरने की खबर है। हालांकि पुष्टि नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कर चुके हैं। ऐसे में यह कहना कि किसी की मौत नहीं हुई है, खुद को अंधेरे में ही रखना होगा।
प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए लोगों को प्रयागराज में प्रवश करने से रोका गया। हादसे के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) ने संगम तट पर मोर्चा संभाल लिया। घाट पर स्नान कर रहे श्रद्धालुओं से स्नान के बाद तत्काल घाट खाली करने की घोषणाएं की जाती रहीं। दोपहर 2 बजे तक साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके थे।
दूसरी ओर, यूपी सरकार ने भगदड़ में मरने वालों की संख्या के बारे में बिल्कुल चुप्पी साध रखी है, वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस हादसे को अत्यंत दुखद करार दिया और इसमें अपने परिजनों को खोने वाले श्रद्धालुओं के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।