साल की दूसरी मुठभेड़ में जिंदा पकड़े 2 आतंकी, पहली मुठभेड़ में मारे गए थे 3 आतंकी

सुरेश एस डुग्गर
शनिवार, 30 जनवरी 2021 (10:51 IST)
जम्मू। कश्मीर में साल की दूसरी मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को 2 आतंकियों को हथियार डलवाने में कामयाबी मिली है। दोनों को जिंदा पकड़ लिया गया है। हालांकि उनमें से 1 आतंकी जख्मी है जिसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। शुक्रवार को साल की पहली मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के 3 आतंकी मारे भी गए थे।
 
पुलवामा जिले के लेलहर इलाके में छिपे 2 आतंकवादियों ने चलती मुठभेड़ के दौरान शनिवार तड़के आत्मसमर्पण कर दिया। इन आतंकवादियों में 1 घायल अवस्था में था। हथियार डालते ही सुरक्षाबलों ने घायल आतंकी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया है।
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आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने आतंकियों के आत्मसमर्पण करने की पुष्टि करते हुए बताया कि ये दोनों हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े हुए थे। इन आतंकवादियों से 2 एके-47 राइफल व अन्य गोला-बारूद भी बरामद हुआ है। शुक्रवार शाम को पुलिस को यह सूचना मिली कि दक्षिण कश्मीर के जिला पुलवामा के लेलहर इलाके में कुछ आतंकवादी छिपे हुए हैं।
 
सूचना के आधार पर मौके पर पहुंचे सेना, एसओजी और सीआरपीएफ जवानों के संयुक्त दल ने इलाके की घेराबंदी करते हुए तलाशी अभियान शुरू कर दिया। सुरक्षाबलों को अपने नजदीक आते देख आतंकियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी। अंधेरा होता देख सुरक्षाबलों ने उस मकान को पूरी तरह घेर लिया, जहां आतंकी छिपे हुए थे। इस दौरान रोशनी की विशेष व्यवस्था भी कर दी गई ताकि आतंकी अंधेरे का लाभ उठाकर भाग न निकलें।
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बताया जा रहा है कि पूरी रात दोनों ओर से रुक-रुककर गोलीबारी होती रही। इसी दौरान 1 आतंकी सुरक्षाबलों की गोली से जख्मी हो गया। इस बीच आईजीपी ने लोगों से अपील की है कि वह अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें। यदि कुछ बच्चे भटक गए हैं तो उनके परिजन आगे आएं, पुलिस उनकी मदद के लिए तैयार है। पुलिस हर उस युवा की मदद करेगी, जो मुख्य धारा में लौटना चाहता है।
 
उन्होंने बताया कि पिछले साल की तुलना में अभी तक इस वर्ष जनवरी का महीना शांतिपूर्वक रहा। पिछले साल जनवरी महीने में जम्मू-कश्मीर में 17 आतंकी, 3 सैनिक, 1 पुलिसकर्मी और 2 सेना के पोर्टर मारे गए थे जबकि इस वर्ष जनवरी में अभी तक 4 सैनिक शहीद हुए और 3 आतंकी मारे गए हैं जिसमें से केवल 1 ही सैनिक आतंकी हमले में शहीद हुआ जबकि बाकी के 3 पाकिस्तान के संघर्षविराम उल्लंघन के दौरान गोलाबारी में शहीद हुए।

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