कहा जाता है कि इससे पहले वसुंधरा सरकार में भी यह योजना अन्नपूर्णा योजना के नाम से चलती थी। गहलोत सरकार ने 5 रुपये में नाश्ता और 8 रुपये में खाना खिलाने वाली योजना का नाम बदलकर इंदिरा रसोई कर दिया था। वसुंधरा सरकार गाड़ियों में रसोई चलाई थीं, लेकिन गहलोत ने सत्ता में आने पर इसे स्थायी रसोई में बदल दिया।
क्या है योजना में खास : राजस्थान सरकार ने 20 अगस्त को 2020 को इंदिरा रसोई योजना को कोरोनावायरस संक्रमण के समय लोगों की खाने-पीने की समस्या को देखते हुए शुरू किया गया था। इस योजना के माध्यम से राजस्थान में गरीब लोगों को 8 रुपए में एक वक्त का ताजा और पौष्टिक खाना सम्मान पूर्वक एक जगह बैठाकर खिलाया जाता है। भोजन की थाली में 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती और आचार शामिल होता है।