उन्होंने बताया कि जीरकपुर इलाके में छोटा मणि की मौजूदगी के बारे में विश्वसनीय जानकारी प्राप्त हुई थी जिसके बाद पंजाब पुलिस के गैंगस्टर रोधी कार्यबल की टीम ने उसका पता लगाया और उसे एक सहयोगी के साथ गिरफ्तार कर लिया। यादव के मुताबिक दोनों आरोपी लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गिरोह के लिए सक्रिय रूप से काम करते थे और उनका आपराधिक इतिहास है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि उनके खिलाफ चंडीगढ़ और हरियाणा में हत्या के प्रयास, जबरन वसूली, डकैती और शस्त्र अधिनियम के तहत कई मामले दर्ज हैं। यादव ने बताया कि छोटा मणि ने मई 2022 में मूसेवाला की गोली मारकर हत्या के बाद उनके हत्यारों के छिपने के लिए ठिकाने की व्यवस्था की थी। डीजीपी ने बताया कि प्रारंभिक जांच से खुलासा हुआ है कि आरोपियों को विदेश में रह रहे उनके आकाओं ने प्रतिद्वंद्वी सरगनाओं की लक्षित हत्याओं को अंजाम देने का जिम्मा सौंपा था।
सहायक महानिरीक्षक संदीप गोयल ने बताया कि बिश्नोई छोटा मणि को विदेश में बसाना चाहता था और यूरोप में उसके सुरक्षित प्रवेश की सुविधा के लिए उसे तीन बार दुबई भेजा था। उन्होंने कहा, लेकिन छोटा मणि यूरोप में प्रवेश पाने में विफल रहा और उसे भारत लौटना पड़ा। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour