दूसरी बार आए भूकंप का झटका इतना तेज था कि लोग डर की वजह से अपने घरों से बाहर निकल आए और वरुणावत पर्वत के भूस्खलन संभावित क्षेत्र से पत्थर भी गिरने लगे। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने अधिकारियों को जिले के सभी क्षेत्रों से इस संबंध में जानकारी लेने को कहा है। भूकंप के झटकों से 1991 के विनाशकारी भूकंप की यादें भी ताजा हो गईं, जब 6.6 तीव्रता के भूकंप में उत्तरकाशी में जानमाल का भारी नुकसान हुआ था।(भाषा)