श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के बिजबेहरा में शुक्रवार तड़के हुई मुठभेड़ में पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के 6 आतंकवादी मारे गए। इनमें पत्रकार शुजात बुखारी हत्याकांड में संलिप्त आतंकवादी और 3 कमांडर शामिल हैं। पुलिस ने कहा कि सुरक्षाबलों ने बृहस्पतिवार रात एक ठिकाने पर आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे जानकारी मिलने के बाद वागाहामा शक्तिपुरा के तलहटी क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया।
पुलिस ने कहा कि एक घर से गोलियां चलाई जा रही थीं। अंधेरे का फायदा उठाकर आतंकवादियों ने भागने का प्रयास किया और मुठभेड़ में 6 आतंकवादी मारे गए। पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर रेंज) स्वयं प्रकाश पाणि ने मुठभेड़ खत्म होने के बाद यहां कहा कि मौके से मिली खुफिया जानकारी के आधार पर तेज अभियान चलाया गया।
पुलिस के अनुसार मारे गए आतंकवादियों की पहचान बिजबेहरा के आजाद अहमद मलिक, बिजबेहरा के यूनिस शफी, पुशवारा अनंतनाग के बासित इश्तियाक, वाघामा बेजबेहरा के आतिफ नजर, मुचपूना पुलवामा के फिरदौस अहमद और क्वानी अवंतीपोरा के शाहिद बशीर के रूप में हुई है।
पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि यह हिज्बुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा आतंकी समूहों का संयुक्त समूह था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार यूनिस शफी और बासित इश्तियाक हिज्बुल के साथ थे तथा यूनिस अनंतनाग जिले का हिज्बुल कमांडर था। अन्य लश्कर के सदस्य थे।
उन्होंने कहा कि सभी 6 आतंकवादी सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमले तथा नागरिकों पर अत्याचार सहित कई आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के लिए वांछित थे। पुलिस ने कहा कि अनंतनाग का लश्कर जिला कमांडर आजाद अहमद मलिक उर्फ आजाद दादा इस साल अप्रैल में अपने एक साथी के साथ खुदवानी कुलगाम में मुठभेड़ स्थल से फरार हो गया था।
प्रवक्ता ने कहा कि आजाद फरार आरोपी नवीद जट्ट का करीबी सहयोगी था और वह पत्रकार शुजात बुखारी तथा उनके सुरक्षाकर्मियों की हत्या मामले में वांछित था। इस मामले में एकत्रित मजबूत साक्ष्यों के आधार पर उसके तथा 3 अन्य के खिलाफ एक नोटिस जारी किया गया था।
बुखारी की लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने इस साल 14 जून को लाल चौक पर रमजान के महीने में हत्या कर दी थी। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि मुठभेड़ स्थल से 4 एके-47 राइफलों तथा एक इंसास राइफल सहित हथियारों तथा विस्फोटकों का जखीरा बरामद किया गया।