छत्रपति संभाजीनगर। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के 11 प्रमुख जलाशयों में से 5 में पानी नहीं बचा है और इनमें सबसे बड़े जायकवाड़ी बांध में वर्तमान में इसकी कुल भंडारण क्षमता का केवल 4 प्रतिशत पानी शेष है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह बात कही। मराठवाड़ा क्षेत्र में छत्रपति संभाजीनगर, जालना, बीड़, परभणी, हिंगोली, धाराशिव, लातूर और नांदेड़ जिले शामिल हैं।
मंडलायुक्त कार्यालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पिछले वर्ष कम वर्षा के कारण इस क्षेत्र की ग्यारह प्रमुख परियोजनाओं को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार इनमें से 4 जलाशयों में पानी का भंडारण शून्य प्रतिशत तक कम हो गया है। मराठवाड़ा क्षेत्र के सबसे बड़े जलाशय जायकवाड़ी बांध में वर्तमान में केवल तीन टीएमसी (हजार मिलियन क्यूबिक फुट) पानी है, जो इसकी कुल भंडारण क्षमता का केवल 4 प्रतिशत है।
जिन 5 जलाशयों में जल स्तर शून्य प्रतिशत तक गिर गया है, उनमें सिद्धेश्वर (हिंगोली), माजलगांव और मांजरा (दोनों बीड़), निम्न टेरणा और सिना कोलेगांव (दोनों धाराशिव) शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार 7 अन्य परियोजनाओं में जल स्तर का आंकड़ा जायकवाड़ी (छत्रपति संभाजीनगर) 4.04 प्रतिशत, निम्न दुधना (परभणी) 6.23, विष्णुपुरी (नांदेड़) 15.58, मनार (नांदेड़) 22.63, एलदारी (परभणी) 26.66 और पेंगंगा (नांदेड़) 29.23 प्रतिशत है।
इसमें कहा गया कि इन जलाशयों में शुक्रवार को कुल जल भंडारण 11.28 प्रतिशत रहा जो पिछले साल इसी दिन 38.64 प्रतिशत था। रिपोर्ट के अनुसार जायकवाड़ी बांध में पिछले साल इसी दिन पानी का भंडार 34.94 प्रतिशत था। मांजरा बांध का जल भंडारण स्तर निचले स्तर पर पहुंचने के बावजूद निकाय अधिकारियों ने कहा कि शहर में पानी में कोई कटौती नहीं की जाएगी।
नगर निकाय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में, हम लातूर में हर 4 दिन में पानी की आपूर्ति कर रहे हैं। हालांकि पानी का सामान्य से कम भंडार है लेकिन अगले 3-4 महीनों तक हमारे यहां कोई समस्या नहीं है। इसलिए लातूर शहर में पानी की कोई कटौती नहीं होगी।