तमिलनाडु में समाज सुधारक 'पेरियार' की प्रतिमा विरूपित की गई, आरोपी गिरफ्तार
शनिवार, 18 जुलाई 2020 (00:26 IST)
कोयंबटूर, चेन्नई। तमिलनाडु में कोयंबटूर के सुंदरपुरम इलाके में समाज सुधारक ईवी रामासामी 'पेरियार' की आदमकद प्रतिमा को शुक्रवार को यहां भगवा रंग से रंग दिया गया। इस मामले में एक हिंदूवादी संगठन के युवक ने आत्मसमर्पण किया जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने बताया कि युवक (21) ने अपने बयान में कहा कि यूट्यूब चैनल करूप्पर कूट्टम में हिंदू देवता मुरुगा के अपमान के विरोध में उसने मूर्ति को भगवा रंग से रंग दिया। पुलिस के मुताबिक, उसे एक अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने इरोड में कहा, कानून के मुताबिक कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मैंने पुलिस को निर्देश दिया है कि उपयुक्त कार्रवाई करें और दोषियों को कानून के शिकंजे में लाएं।
घटना के प्रकाश में आने के बाद द्रमुक, एमडीएमके और वीसीके के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और मुख्य विपक्षी दल द्रमुक ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। पुलिस ने कहा कि भारत सेना के कोयंबटूर दक्षिण जिले के संयोजक अरुण कृष्णन के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है।
दो लोगों की गिरफ्तारी के परिप्रेक्ष्य में शरारती तत्वों द्वारा प्रतिमा विरूपण की घटना सामने आई है। दोनों व्यक्ति एक तमिल वीडियो चैनल से जुड़े हुए हैं और इसकी विषय वस्तु कथित तौर पर हिंदू मान्यताओं के खिलाफ है।
प्रतिमा को तड़के विरूपित किया गया, जिससे तनाव फैल गया और वहां पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया।पेरियार के अनुयायियों ने पुलिस की सहायता से प्रतिमा के एक हिस्से से रंग को साफ किया। अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता और मत्स्य मंत्री डी. जयकुमार ने कहा कि इस तरह की ओछी हरकतें स्वीकार्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह दंडनीय अपराध है।
द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि पेरियार ने निचले तबके के लोगों के लिए भी सराहनीय कार्य किए, इसलिए उन्हें ‘पेरियार’ (महान व्यक्ति) कहा जाता है। एमडीएमके प्रमुख वाइको ने मांग की कि सरकार जिम्मेदारी से काम करे और कार्रवाई करे।
उन्होंने तमिलनाडु में पेरियार की प्रतिमाओं को लगातार निशाना बनाए जाने की निंदा की। सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के सहयोगी पीएमके ने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और प्रतिमा विरूपित करने को कायरतापूर्ण कार्य बताया। यह प्रतिमा 1995 में शहर में स्थापित की गई थी। शहर में उनकी कुल तीन प्रतिमाएं हैं।(भाषा)