जम्मू। केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में कश्मीर मसले पर बुलाई गई मेगा बैठक को लेकर प्रदेश के राजनीतिक दलों में जबर्दस्त सियासी हलचल देखने को मिल रही है। पीडीपी को तो बैठक में शामिल होने के लिए फोन भी आ चुका है, बाकी दल इंतजार कर रहे हैं। यही नहीं, प्रशासन ने पीडीपी के एक और वरिष्ठ नेता को भी रिहा कर दिया है।
24 जून को केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर की सभी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ बातचीत करेगी। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारुक अब्दुल्ला, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के मुखिया सज्जाद लोन को बुलाए जाने की चर्चा है।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इसे को स्वीकार किया है कि इस बैठक के संबंध में उनके पास एक काल आई है, पर वे औपचारिक आमंत्रण की प्रतीक्षा कर रही हैं। पीडीपी पार्टी की बैठक में इसके प्रति चर्चा करने वाली है। इतना जरूर था कि इस काल से पहले प्रशासन ने पीडीपी नेता सरताज मदनी को 6 महीनों के बाद नजरबंदी से रिहा कर दिया। मई महीने में पीडीपी के वरिष्ठ नेता नईम अख्तर को रिहा किया गया था। नईम को 5 महीने के बाद एमएलए हॉस्टल से रिहा किया गया था। पीडीपी ने नईम अख्तर की रिहाई के फैसले का स्वागत करते हुए सरकार से पार्टी के उपाध्यक्ष सरताज मदनी की भी रिहाई की मांग की थी।
बैठक में शामिल होने को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि अभी तक हमें बातचीत के लिए दिल्ली से कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है। अगर हमें कोई निमंत्रण मिलता है तो हम पहले बैठक के लिए अपनाई जाने वाली रणनीति पर बैठकर चर्चा करेंगे। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख गुलाम अहमद मीर ने कहा कि निमंत्रण मिलता है तो हम इस बारे में राष्ट्रीय नेतृत्व को जानकारी देंगे। परामर्श होने के बाद हम बैठक में भाग लेंगे। हम केंद्र द्वारा बातचीत के इस तरीके की सराहना करते हैं।
पीएजीडी (पीपुल्स एलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन) सदस्य मुजफ्फर शाह ने कहा कि निमंत्रण मिलने पर वह सर्वदलीय बैठक में भाग लेने की रणनीति तैयार करेंगे। अगर महबूबा मुफ्ती को दिल्ली से फोन आया है तो इसका मतलब है कि प्रक्रिया शुरू हो गई है। जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के महासचिव रफी अहमद मीर ने कहा कि हम आमंत्रण का इंतजार कर रहे हैं। मुझे लगता है कि यह लोगों और राजनीतिक दलों के लिए उन मुद्दों को उठाने का एक अच्छा अवसर है जिनका हम सामना कर रहे हैं।
5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को पारित किए जाने के बाद केंद्र सरकार की जम्मू- कश्मीर के सभी दलों से एक साथ होने वाली यह पहली बैठक होगी। प्रस्तावित बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी भाग लेने की उम्मीद है। इसके अलावा बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत कई अन्य केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहेंगे।