रेड्डी ने अपनी यात्रा को याद करते हुए कहा कि वह गांव में अपनी 20 एकड़ कृषि भूमि पर धान की खेती करते थे। धान की खेती में कई बार घाटा होने के बाद उन्होंने 8 साल पहले 8 एकड़ में सब्जियां उगाना शुरू किया था। तेलंगाना को आमतौर पर पड़ोसी आंध्र प्रदेश के मदनपल्ली और कर्नाटक के कोलार से टमाटर मिलते हैं और रेड्डी ने उन स्थानों का दौरा किया था और उनकी खेती की शैली और तकनीकों का अध्ययन किया था।
उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो वह एक सप्ताह के भीतर अपने सभी बचे हुए टमाटर बेच देंगे। उन्होंने अपने टमाटर हैदराबाद और उसके बाहरी इलाके के बोएनपल्ली, शाहपुर और पाटनचेरु बाजारों में बेचे हैं। टमाटर की 25 से 28 किलोग्राम की एक पेटी के लिए उन्हें 2,500 रुपए से 2,700 रुपए की कीमत मिली। उन्होंने लगभग 2 करोड़ रुपए में ऐसी लगभग 7,000 क्रेट बेची हैं।
रेड्डी ने सोमवार को हैदराबाद में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से मुलाकात की, जिन्होंने उनकी सराहना की। रेड्डी ने कहा कि 20 एकड़ की अपनी जमीन के अलावा उन्होंने 80 एकड़ जमीन पट्टे पर ली है और 60 एकड़ में धान की खेती की है। बाकी जमीन पर वह अन्य फसलें भी उगाते हैं।(भाषा)