ओलंपियाड में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने के बाद भारतीय टीमों के सदस्यों का मंगलवार को यहां स्वदेश लौटने पर प्रशंसकों, अधिकारियों और परिवारों के सदस्यों ने स्वागत किया।डी गुकेश, आर प्रज्ञानानंदा, आर वैशाली और पुरुष टीम के कप्तान श्रीनाथ नारायणन आज सुबह तड़के चेन्नई पहुंचे।
भारतीय पुरुष और महिला दोनों टीमों ने रविवार को इतिहास रचते हुए हंगरी में शतरंज ओलंपियाड में पहली बार स्वर्ण पदक जीते। उनकी असाधारण जीत ने भारत की नई शतरंज महाशक्ति के रूप में स्थिति को मजबूत किया। चारों के हवाई अड्डे से बाहर निकलते ही प्रशंसकों ने जयकारे लगाकर उनका स्वागत किया।
पुरुष टीम के कप्तान नारायणन के लिए स्वर्ण पदक वर्षों की कड़ी मेहनत का परिणाम है।उन्होंने कहा, यह बहुत अच्छा लगता है कि मैं सबसे मजबूत टीमों में से एक का कप्तान था जिसने इतने प्रभावशाली अंदाज में ओलंपियाड जीता। जब ऐसा कुछ शानदार होता है तो यह आमतौर पर वर्षों के प्रयास का नतीजा होता है और यहां भी यही हुआ।
नारायणन ने कहा, हम प्रयास करते रहे और आगे बढ़ते रहे। हमें कई सफल नतीजे मिले और हम कई बार पोडियम के करीब पहुंचे।
इस 30 वर्षीय ग्रैंडमास्टर ने कहा कि गुकेश, अर्जुन एरिगेसी और प्रज्ञानानंदा सहित खिलाड़ियों की नई पीढ़ी विश्व विजेता है।नारायणन ने कहा, हम 2016 में चौथे स्थान पर आए थे लेकिन युवा खिलाड़ियों की यह पीढ़ी विश्व विजेता है। उन्होंने ना केवल यहां बल्कि कैंडिडेट्स और अन्य टूर्नामेंटों में भी यह दिखाया है।
उन्होंने कहा कि भारत का अगला लक्ष्य विश्व चैंपियन देना होगा और इस साल के अंत में इसे हासिल करने के प्रयास में हर कोई गुकेश की हौसलअफजाई करेगा।उन्होंने कहा, हमारे पास ओलंपियाड स्वर्ण पदक है, अब हम भारत में विश्व चैंपियन भी चाहते हैं इसलिए हम गुकेश का उत्साहवर्धन करेंगे।