इंदौर में जब 18 नवम्बर को 62वीं राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता का समापन समारोह अपने शबाब पर था और कई दिग्गज पहलवान अपना स्वर्ण पदक मुकाबला लड़ रहे थे...इस नजारे को देखने के लिए केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत के अलावा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी मौजूद थे। तभी अभय प्रशाल में एक और हस्ती आई, जिसे लोग जानते तक नहीं थे। ये हस्ती थी प्रधानमंत्री मोदी के भाई प्रहलाद दास मोदी...
कुश्ती मुकाबलों का संचालन कर रहे उद्घोषक नंदू पहाड़िया के कानों तक जब ये जानकारी पहुंची कि मोदीजी के भाई प्रहलाद दास भी यहां मौजूद हैं, तब जाकर उन्होंने माइक से इसका ऐलान करते हुए उन्हें सीधे कुश्ती मैट पर आने का आग्रह किया। इस आग्रह को प्रहलाद दास ने नहीं टाला और बिना किसी तामझाम के वे मैट पर पहुंच गए।
कुछ देर तक वे देश के दिग्गज पहलवानों (सुशील कुमार, साक्षी मलिक, फोगाट बहनों) को निहारते रहे। फिर कुश्ती के लिए अभय प्रशाल में बैठे हजारों दर्शकों को देखकर रोमांचित हो उठे। चूंकि सभी फायनल कुश्तियां जारी थीं और फाइनल के बाद तुरंत पदक वितरित किए जा रहे थे, मध्यप्रदेश कुश्ती संघ के पदाधिकारियों ने भी इस मौके का फायदा उठाया और... मोदी से पदक वितरित करवा डाले।
मोदी के साथ न तो कोई भीड़ थी और न ही सुरक्षाकर्मी। वे एक साधारण कुश्ती प्रेमी की तरह आए और अभय प्रशाल की भव्यता से भी काफी प्रभावित हुए। ऊंचे पूरे डील-डौल के कुश्ती का शौक ही प्रहलाद दास मोदी को अभय प्रशाल तक खींच लाया था।
माइक पर अनाउंसमेंट के बाद स्टेडियम में जब लोगों को यह मालूम पड़ा कि पीएम के भाई भी यहां हैं तो कुछ लोग उनके साथ सेल्फी लेने पहुंच गए। देश के युवाओं में सेल्फी लेने का क्रेज नरेन्द्र मोदी ने डलवाया है और इंदौर के कुश्ती दीवानों ने भी इसका भरपूर लाभ उठाया।
जब राष्ट्रीय प्रतियोगिता के आयोजक और मध्यप्रदेश कुश्ती संघ के सचिव पप्पू यादव से प्रहलाद दास मोदी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि समापन समारोह में अतिथियों की सूची में प्रहलाद दास मोदी का नाम नहीं था।
पप्पू ने कहा कि मैं खुद भी उन्हें नहीं जानता था और यह भी नहीं जानता कि वे किसके साथ आए थे लेकिन यह मध्यप्रदेश के कुश्ती जगत के लिए और पूरे इंदौर शहर के लिए गौरव का क्षण था कि प्रधानमंत्री के भाई ने भी आकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।