भारतीय मुक्केबाज शुक्रवार से यहां शुरु होने वाले दूसरे विश्व क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट में पेरिस ओलंपिक के लिए उपलब्ध अंतिम स्थान हासिल करने के इरादे से रिंग में उतरेंगे जिसमें वे रिंग के अंदर और बाहर की हालिया निराशा से उबरने के लिए प्रतिबद्ध होंगे।
पिछले क्वालीफाइंग टूर्नामेंट तक भारतीय मुक्केबाजों ने चार कोटे हासिल किये हैं लेकिन महिलाओं के 57 किग्रा वर्ग में कोटा हासिल करने वाली परवीन हुड्डा पर ठिकाने की जानकारी देने में विफलता के कारण 22 महीने का प्रतिबंध लगाये जाने की शर्मनाक घटना के बाद ये घटकर अब तीन हो गये हैं।
मार्च में पिछले विश्व क्वालीफायर में भारतीय मुक्केबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा जिसमें केवल 2023 विश्व चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता निशांत देव ही पहले दौर की बाधा पार कर पाये थे। इस दौरान कोचिंग संकट भी पैदा हो गया क्योंकि हाई परफोरमेंस निदेशक बर्नार्ड डुने ने पहले ही विश्व क्वालीफायर के दौरान अपना इस्तीफा सौंप दिया।
भारतीय मुक्केबाजी कोच सीए कुटप्पा ने यहां भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) मीडिया से कहा, थाईलैंड क्वालीफायर से हमें निश्चित रूप से चार-पांच कोटा स्थान हासिल करने की उम्मीद है और हम सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद कर रहे हैं। इस बार हमारे पास निश्चित रूप से मौका है।
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (BFI) ने काफी बदलाव किये हैं जिसमें भारत के एकमात्र पुरुष विश्व चैम्पियनशिप रजत पदक विजेता अमित पंघाल आखिरकार टीम में शामिल किये गये हैं क्योंकि दीपक भोरिया पहले दो क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में 51 किग्रा वजन वर्ग में कोटा हासिल करने में विफल रहे।
पंघाल ने इस साल के शुरु में स्ट्रेंड्जा मेमोरियल टूर्नामेंट में और 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। उन्हें ओलंपिक के लिए जगह बनाने का केवल एक ही मौका मिलेगा और पूर्व एशियाड चैम्पियन इसका पूरा फायदा उठाने का प्रयास करेगा।
अभिनाश जामवाल को भी ओलंपिक पदार्पण के लिए कट हासिल करने का मौका दिया गया है क्योंकि अनुभवी शिवा थापा 63.5 किग्रा वजन वर्ग में बार बार विफल रहे हैं और इस वजन वर्ग में पांच कोटे दांव पर लगे हैं।युवा मुक्केबाज अभिमन्यु लौरा को लक्ष्य चाहर की जगह शामिल किया गया है और वह 80 किग्रा में अपना भाग्य आजमायेंगे। उन्हें पहली बार ओलंपिक में जगह बनाने के लिए शीर्ष तीन में आना होगा।
निशांत देव इटली में काफी करीब से कोटा हासिल करने से चूक गये थे और 71 किग्रा में पांच कोटे दांव पर हैं तो उनके पेरिस का टिकट कटाने की उम्मीद है।
महिलाओं के वर्ग में अंकुशिता बोरो 66 किग्रा में खेलती थीं लेकिन अब वह 60 किग्रा में प्रतिस्पर्धा करेंगी और कट हासिल करने के लिए उन्हें शीर्ष तीन में रहना होगा। अंकुशिता ने इस वजन वर्ग में जैसमीन लम्बोरिया की जगह ली जो पहले दो क्वालीफाइंग में कोटा जुटाने में विफल रहीं।
पर जैसमीन को तीसरा मौका 57 किग्रा वजन वर्ग में दिया गया है जिसमें परवीन को प्रतिबंधित किया गया है।
राष्ट्रीय चैम्पियन अरूंधति चौधरी (66 किग्रा) कोटा हासिल करने की मुहिम में तीसरी भारतीय महिला मुक्केबाज होंगी।
महाद्वीपीय और विश्व क्वालीफायर के जरिये 188 मुक्केबाज पहले ही ओलंपिक कोटा हासिल कर चुके हैं।
इस टूर्नामेंट में 51 कोटा हासिल किये जा सकते है जिसमें 23 महिलाओं के जबकि 28 पुरुष वर्ग में। एक मुक्केबाज सेमीफाइनल में पहुंचकर पेरिस का टिकट पक्का कर लेगा।
भारत के नौ मुक्केबाज तोक्यो ओलंपिक में खेले थे जिसमें केवल लवलीना बोरगोहेन ने कांस्य पदक जीता था।
निकहत जरीन (50 किग्रा), प्रीति पवार (54 किग्रा) और लवलीना (75 किग्रा) ने पिछले साल एशियाई खेलों से पेरिस ओलंपिक कोटा हासिल किया था।(भाषा)
टीम
महिला : जैसमीन लम्बोरिया (57 किग्रा), अंकुशिता बोरो (60 किग्रा), अरूंधति चौधरी (66 किग्रा)
पुरुष : अमित पंघाल (51 किग्रा), सचिन सिवाच जूनियर (57 किग्रा), अभिनाश जामवाल (63.5 किग्रा), निशांत देव (71 किग्रा), अभिमन्यु लौरा (80 किग्रा), संजीत (92 किग्रा), नरेंदर बेरवाल (92 किग्रा से अधिक)