नई दिल्ली। वर्ष 2020-21 के केंद्रीय बजट को किसान हितैषी बजट बताते हुए केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि इसमें कृषि और उसके आधारभूत ढांचे के विकास के लिए अब तक के सर्वाधिक बजट प्रावधान किए गए हैं तथा कृषि उत्पादों की देशभर में आवाजाही को सुगम बनाने के लिए किसान रेल शुरू करने का प्रस्ताव किया गया है।
संसद भवन परिसर में बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कृषि और किसान कल्याण राज्यमंत्री चौधरी ने कहा कि किसानों के अनाज के भंडारण के लिए हर गांव में भंडारगृह बनाए जाएंगे, वहीं कृषि उत्पादों के विपणन के लिए ई-नाम की व्यवस्था होगी, जहां से वे अपने उत्पादों का उस मंडी में विपणन कर सकेंगे, जहां से उन्हें अधिकतम लाभ मिलता हो।
उन्होंने कहा कि उपज के भंडारण के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत आधारभूत ढांचा विकसित किया जाएगा। उन्होंने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि सरकार का प्रयास है कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिले और उनके पास भंडारण की समुचित व्यवस्था हो।
देश के अंदर किसानों को अपनी उपज को एक से दूसरे स्थान पर ले जाने में जो समस्या आ रही थी, उसे दूर करने के लिए सरकार ने पहली बार 'किसान रेल' को शुरू करने का प्रस्ताव किया है जिससे शीत भंडारित डिब्बे में किसान सुरक्षित तरीके से अपने उत्पाद को एक से दूसरे स्थान पर ले जा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार का मौजूदा बजट, 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' के मूल सिद्धांत पर आधारित है, जो विशेषकर किसानों के जीवन में गुणात्मक बदलाव को सुनिश्चित करेगा।