वाशिंगटन। अमेरिका के निर्वाचन मंडल (इलेक्टोरल कॉलज) ने जो बिडेन (Joe Biden) को देश के राष्ट्रपति और भारतीय मूल की सीनेटर कमला हैरिस (Kamala Harris) को उपराष्ट्रपति के पद के लिए बहुमत देकर उनकी जीत की औपचारिक पुष्टि कर दी। इसके साथ ही निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस कानूनी लड़ाई को विराम लग गया, जिसमें चुनाव में व्यापक स्तर पर धोखाधड़ी होने का आरोप लगाया गया था।
कानून के अनुसार, निर्वाचन मंडल की बैठक दिसंबर के दूसरे बुधवार के बाद आने वाले पहले सोमवार को होती है। इस दिन सभी 50 राज्यों और डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया के निर्वाचक अपना मत डालने के लिए बैठक करते हैं। राष्ट्रपति पद का चुनाव तीन नवंबर को हुआ था।
हालांकि निर्वाचन मंडल की बैठक मात्र औपचारिकता होती है, लेकिन यह बैठक इस साल पहले की तुलना में अधिक चर्चा में रही, क्योंकि देश के मौजूदा राष्ट्रपति ट्रंप ने हार स्वीकार करने से इनकार कर दिया और चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं। ट्रंप 538 सदस्यीय निर्वाचन मंडल का भी बहुमत हासिल करने में नाकाम रहे।
सच की जीत : अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन ने निर्वाचक मंडल द्वारा उनकी जीत पर मुहर लगाने के बाद अमेरिका के लोगों से कहा कि देश में लोकतंत्र बरकरार रहा। उन्होंने कहा कि देश को दिशा निर्देशित करने वाले सिद्धांतों की अवहेलना का प्रयास किया गया लेकिन यह कमजोर नहीं पड़ा।
बिडेन ने अपने संबोधन में कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान के आरोपों-प्रत्यारोपों और निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अपनी हार नहीं स्वीकारने को भूलकर अब अमेरिकी लोगों की सेवा करने का वक्त है।
सीनेट में अल्पमत के नेता चक शूमर ने कहा कि राष्ट्रपति पद का चुनाव एक महीने पहले हुआ था। परिणाम पर शंका नहीं थी। लगभग हर बार, दोनों बड़े दलों ने अमेरिकी लोगों की इच्छा अब तक पूरी तरह और सार्वजनिक रूप से स्वीकार की है। सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण हमारे लोकतंत्र की पहचान रहा है।
पूर्व विदेश मंत्री और 2016 में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार रहीं हिलेरी क्लिंटन ने बिडेन के लिए मतदान करते हुए कहा कि मुझे न्यूयॉर्क में जो बिडेन और कमला हैरिस के लिए मत देकर गर्व महसूस हो रहा है।