Meerut News: उत्तरप्रदेश में मेरठ के राली चौहान गांव में शिवभक्तों की डीजे टोली 11 केवी तार की चपेट में आ गई। डीजे के पीछे की तरफ लोहे के एंगल लगे होने के कारण ट्रैक्टर ट्राली में कंरट उतार आया। जिसकी 20 लोग झुलस गए। गंभीर रूप से झुलसे 8 लोगों की आनंद अस्पताल लाया गया, जिनमें से 6 कांवडियों की मौत हो गई जबकि दो की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
थाना भावनपुर क्षेत्र के राली चौहान में रहने वाले संजू और प्रदीप अपने लगभग 30 साथियों के साथ शनिवार रात ट्रैक्टर ट्रॉली में साउंड सिस्टम लगाकर डाक कांवड़ लेकर आए थे। हरिद्वार से वापस आकर उन्होने कांवड़ एक फार्म हाऊस में खड़ी कर दी और लगभग 20 फुट का डीजे ट्रैक्टर ट्रॉली से गांव में ला रहे थे।
डीजे पर थिरकते कांवडियों को देखने के लिए गांव के लोग भी सड़कों पर आ गए। टीम के कुछ कांवड़िये तेज कदम से आगे निकल गए और कुछ पीछे डीजे के साथ थे। गांव के बच्चे भी डीजे की ट्राली पर बैठ गए।
जब डीजे कांवड़ किला मार्ग से राली चौहान गांव की तरफ मुड़ी तो साउंड सिस्टम की ट्रॉली हाइटेंशन लाइन की चपेट में आ गई और उसमें करंट दौड़ गया। 10 कांवड़िये गंभीर रूप से झुलसे थे, जिसमें से अधिकारिक तौर पर 6 की मौत हुई है।
हादसे के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह घायलों को ट्रॉली से अलग किया। करीब 20 घायलों को तुरंत अस्पताल भेजा गया। इनमें से दो भाईयों हिमांशु और प्रशांत और उनके चाचा है। मृतक दोनों भाईयों का एक भाई विशाल झुलसा हुआ है।
हादसे की सूचना गांल में फैलते ही आक्रोशित ग्रामीणों ने जाम लगाकर हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे की सूचना पर तमाम अधिकारी फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। ग्रामीणों ने हादसे का आरोप बिजली विभाग पर लगाया है। मृतक परिजनों का कहना है कि बिजली घर को सूचित किया गया था कि बिजली के लटके तार ऊंची कांवड़ से तार टकरा रहे है।
शनिवार रात्रि में 8.15 के आसपास डीजे की ऊंचे कोलन हाईटेंशन तार की चपेट में आ गई, ट्रैक्टर- ट्राली में पीछे की तरफ लोहे के एंगल लगे हुए थे, जिनमें करंट उतर आया। हादसा होते ही स्थानीय लोगों ने बिजली शटडाउन करने के लिए स्थानीय बिजली घर पर फोन किया गया। काफी देर बाद फोन उठा, जब उठा तो जबाव मिला कि शटडाउन कर दिया है, लेकिन तब तक 5 शिवभक्त नींद की आगोश में जा चुके थे। वहीं समय से एंबुलेंस भी उपलब्ध नही हो पाई, जिसके चलते एक-डेढ घंटा निकल और पांच लोगों की उस समय तक मौत हो गई।
मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। एक परिवार के दो भाई हिमांशु और प्रशांत की हादसे में मौत हो गई है, जबकि तीसरे भाई विशाल की हालत गंभीर बनी हुई है। सुरेंद्र अपने दो बच्चों को खो चुका है, वह रोते हुए कहता है कि शिव का पुजारी हूं, रोज पूजा करता था, भगवान ने यह क्या अनर्थ कर दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही मेरठ कमीश्नर जे सेल्वा कुमारी, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की एमडी चैत्रा वी, आई जी मेरठ रेंज नचिकेता, डीएम दीपक मीणा, SSP रोहित सजवाण ,समेत तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे। लोगों को शांत करवाते हुए घायलों को उचित उपचार का आश्वासन दिया।
मेरठ कमीश्नर ने घटना की जांच डीएम दीपक मीणा को सौंपी है, जबकि पावर एमडी ने भी इस हादसे पर जांच टीम गठित कर दी है। यदि कोई लापरवाही ऊर्जा विभाग की सामने आती है तो दोषियों पर कार्रवाई की जायेंगी।
हादसे पर उठे सवाल : प्रश्न उठता है कि कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले मेरठ के कमिश्नरी सभागार में चार राज्यों के अधिकारियों की मीटिंग हुई थी, जिसमें सहमति बनी थी कि 12 फीट से ऊंचा डीजे कांवड़ यात्रा में शामिल नहीं हो पायेगा। उसके बाद भी भावनपुर के राली चौहान से 20 फुट ऊंचा डीजे ट्रैक्टर ट्राली में रखकर हरिद्वार गया। यह साउंड सिस्टम यूपी और उत्तराखंड राज्यों में होकर गुजर आया, किसी पुलिस वाले ने रोकने की कोशिश भी नहीं की। यदि समय रहते इस डीजे को रोक दिया जाता तो यह हादसा नही होता।