दिनेश खटीक ने जलशक्ति विभाग के अफसरों पर गंभीर आरोप लगाते कहा है कि दलित होने के नाते उनका अपमान किया जा रहा है और विभागीय बैठकों में उन्हें बुलाया नहीं जाता है। सिंचाई और जलशक्ति में जो तबादले हुए हैं, उनमें भ्रष्टाचार संलिप्त है। मैंने जब अपनी बात रखने के लिए अनिल गर्ग को फोन किया तो उन्होंने मेरा फोन काट दिया। ऐसा करके अनिल गर्ग ने मंत्री और जनप्रतिनिधि का अपमान किया है।
सरकार की योजना 'नमामि गंगे' के जलशक्ति विभाग में बहुत अधिक भ्रष्टाचार है। इस भ्रष्टाचार को बाहर लाने के लिए जलशक्ति विभाग की जांच किसी बड़ी एजेंसी से कराई जानी चाहिए ताकि सच बाहर आ सके। वे लंबे समय से अफसरों के व्यवहार से भी क्षुब्ध थे। अधिकारी उनकी बात मानते नहीं और दलित समाज को अफसर सम्मान भी नहीं देते हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र सिंह से भी नाराज हैं, क्योंकि उन्हें आज तक कोई कार्य सौंपा नहीं गया है। इस्तीफे की चर्चा के संबंध में मीडिया बुधवार सुबह उनके घर पहुंची तो उन्होंने कहा कि कोई विषय नहीं है। दिनेश खटीक अपने घर से बिना सिक्योरिटी के बाहर आए और गाड़ी में बैठकर चले गए। मिली जानकारी के मुताबिक उन्होंने इस्तीफा सरकार को भेज दिया है। लेकिन सरकार ने उसे स्वीकार किया है या खारिज? इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।