तुषार कपूर ने कहा था, अपने करियर की शुरुआत में मैं थोड़ा शांत टाइप था। लोग मुझे अजीबोगरीब सलाह देते थे। जैसे- पार्टियों में जाकर लड़ाई करो, फिल्म के किसी सीन में शाहरुख खान के जैसे एक्सप्रेशन बनाओ। यह वास्तव में मेरे लिए मजेदार था। यह डरावना भी था क्योंकि मैं एक फिल्मी परिवार से आया था और मुझे यह सब बताया गया था।
उन्होंने कहा था, यह कल्पना करना कठिन था कि गैर-फिल्मी परिवारों से आने वाले लोग क्या कर रहे थे। समय बदल गया है लेकिन उन दिनों कुछ लोग हर तरफ से मुझे मुफ्त सलाह दे रहे थे, आप उन्हें प्रोडक्शन ऑफिस और सेट पर आसानी से स्पॉट कर पाएंगे। आप लगभग हर चीज का अनुमान लगाना शुरू कर देंगे। धीरे-धीरे मुझे लगा कि अगर आप ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं, तो इन सब चीजों के बारे में ज्यादा नहीं सोचते हैं।
बता दें कि 'मुझे कुछ कहना है' के बाद तुषार ने फिल्म क्या दिल ने कहा, ये दिल, जीना सिर्फ मेरे लिए जैसी फिल्मों मे काम किया। लेकिन फिल्में लगातार फ्लॉप होती चली गई। साल 2006 में रोहित शेट्टी की फिल्म 'गोलमाल' से तुषार कपूर को जबरदस्त लोकप्रियता हासिल हुई।
इस फिल्म में तुषार गूंगे शख्स का किरदार निभाकर दर्शकों के दिलों में अपनी छाप छोड़ने में कामयाब हुए। इसके बाद तुषार ने गोलमाल-2 में भी काम किया। इसके बाद साल 2011 में फिल्म डर्टी से इंडस्ट्री में कम बैक किया। इस फिल्म में उन्होंने एक छोटा सा रोल किया था। इसके बाद उन्होंने खाकी, शूट आउट एट लोखड़वाला जैसी सुपरहिट मल्टीस्टारर फिल्मों में काम किया।