नई दिल्ली। देश में एक बार फिर कोरोना के मामलों (Corona Virus Case) में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कई राज्यों में आक्सीजन की कमी से हाहाकार मचा हुआ है। इसी बीच कोविशील्ड के बाद अब भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने भी कोवैक्सीन (COVAXIN vaccines ) के दाम तय कर दिए हैं।
async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"> >भारत सरकार के निर्देशों के बाद भारत बायोटेक ने शनिवार को कोवैक्सीन टीकों की कीमतों का ऐलान किया है। वैक्सीन के निर्माता भारत बायोटेक ने शनिवार को कहा कि वह कोविड-19 के अपने टीके कोवैक्सीन को राज्य सरकारों को प्रति खुराक (शीशी) 600 रुपए में उपलब्ध कराएगी। हैदराबाद की इस कंपनी ने यह भी कहा कि निजी अस्पतालों के लिए इस वैक्सीन के एक खुराक की कीमत 1,200 रुपए होगी।
भारत बायोटेक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कृष्णा एम एल्ला ने कहा कि उनकी कंपनी केन्द्र सरकार को 150 रुपए प्रति खुराक की दर से कोवैक्सीन की आपूर्ति कर रही है और केन्द्र अपनी ओर से यह वैक्सीन मुफ्त वितरित कर रहा है। एल्ला ने कहा कि हम यह बताना चाहते हैं कि कंपनी की आधी से अधिक उत्पादन क्षमता, केन्द्र सरकार को आपूर्ति के लिए आरक्षित की गई है।
उन्होंने कहा कि कोविड, चिकनगुनिया, जीका, हैजा और अन्य संक्रमणों के लिए वैक्सीन विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि वैक्सीन की लागत वसूल हो।
एसआईआई ने बताया क्यों बढ़ाए दाम : देश में कोविड-19 की सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाली वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने शनिवार को कोविशील्ड वैक्सीन का मूल्य शुरुआती कीमत के मुकाबले डेढ़ गुना तय करने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि शुरुआती कीमत अग्रिम वित्त पोषण पर आधारित थी और अब उसे उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए और अधिक निवेश करने की जरूरत है।
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने इस सप्ताह की शुरुआत में वैक्सीन की कीमत राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के साथ किसी नए करार के लिए 400 रुपए प्रति खुराक और निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपए प्रति खुराक तय की थी।
एसआईआई एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड का विर्निमाण करती है। वह इस समय केंद्र सरकार को 150 रुपये प्रति खुराक की दर से वैक्सीन की आपूर्ति कर रही है। विपक्षी दलों ने कोविड-19 वैक्सीन की अलग-अलग कीमत तय करने की आलोचना करते हुए कहा था कि यह भेदभावपूर्ण है और इससे कुछ बड़े उद्योगपतियों को फायदा होगा, जबकि आम लोगों को नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने मांग की है कि केंद्र और राज्यों को एक कीमत पर वैक्सीन मिलनी चाहिए।
एसआईआई ने कहा कि भारत वैक्सीन की कीमत और वैश्विक कीमतों के बीच एक गलत तुलना की गई है। कोविशील्ड आज बाजार में उपलब्ध कोविड-19 की सबसे सस्ती वैक्सीन है।
कंपनी ने कहा कि शुरुआती कीमत दुनिया भर में कम थी, क्योंकि यह उन देशों के अग्रिम वित्त पोषण पर आधारित थी, जिसमें वैक्सीन निर्माण का जोखिम शामिल था।
बयान में कहा गया कि भारत सहित सभी सरकारी टीकाकरण कार्यक्रमों के लिए कोविशील्ड की शुरुआती कीमत सबसे कम थी।
कंपनी ने आगे कहा कि मौजूदा स्थिति एकदम अलग है, वायरस लगातार रूप बदल रहा है, जबकि जनता पर जोखिम बना हुआ है। अनिश्चितता की पहचान करते हुए, हमें स्थिरता सुनिश्चित करनी होगी, क्योंकि हमें महामारी से लड़ने के लिए क्षमता विस्तार में निवेश करना है और लोगों की जान बचानी है।
एसआईआई ने कहा कि वैक्सीन के थोड़े से हिस्से को निजी अस्पतालों को 600 रुपए प्रति खुराक की दर पर बेचा जाएगा और यह कीमत अभी भी कई दूसरे चिकित्सकीय उपचारों की तुलना में कम है। (इनपुट भाषा)