वर्ष 2015 और 2020 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 12 निर्वाचन क्षेत्रों में से 1 भी सीट नहीं जीत पाई थी। पिछले चुनावों में भी भाजपा कभी भी इनमें से 2-3 सीटों से अधिक नहीं जीत पाई। दिल्ली भाजपा नेताओं के अनुसार दिल्ली में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 12 निर्वाचन क्षेत्रों सहित 30 विधानसभा क्षेत्र हैं जिनमें दलित समुदाय के मतदाता 17 से 45 प्रतिशत तक हैं।
उन्होंने बताया कि 12 आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों के अलावा राजेंद्र नगर, चांदनी चौक, आदर्श नगर, शाहदरा, तुगलकाबाद, बिजवासन सहित 18 अन्य सीट हैं, जहां अनुसूचित जाति समुदाय के वोट 25 प्रतिशत तक हैं, जहां भाजपा और उसके अनुसूचित जाति मोर्चा ने पिछले कई महीनों में काम किया है।ALSO READ: केजरीवाल का BJP पर आरक्षण के मुद्दे पर दिल्ली के जाटों को धोखा देने का आरोप
भाजपा ने व्यापक संपर्क अभियान चलाया : पिछले कुछ महीनों में इन 30 निर्वाचन क्षेत्रों की झुग्गियों और अनधिकृत कॉलोनियों में अनुसूचित जाति कार्यकर्ताओं के माध्यम से व्यापक संपर्क अभियान चलाया गया। दिल्ली भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष मोहन लाल गिहारा ने कहा कि इन सभी 30 निर्वाचन क्षेत्रों में समुदाय के सदस्यों के बीच केंद्रित संपर्क के लिए अनुसूचित जाति के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को विस्तारक के रूप में नियुक्त किया गया था।
उन्होंने कहा कि विस्तारकों ने इन निर्वाचन क्षेत्रों में विभिन्न इलाकों और आवासीय क्षेत्रों में व्यक्तियों से संपर्क करने के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर 10 दलित युवाओं को तैनात किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने ऐसे 5,600 से अधिक मतदान केंद्रों की पहचान की है जिनमें से 1,900 से अधिक बूथ पर विशेष ध्यान दिया गया।ALSO READ: दिल्ली से चुनाव लड़ सकती हैं स्मृति ईरानी, क्या भाजपा चलने वाली है महिला मुख्यमंत्री का दांव
पार्टी नेताओं ने कहा कि मतदाताओं से संवाद करने और उन्हें मोदी सरकार द्वारा समुदाय के लिए किए गए कार्यों और आम आदमी पार्टी (आप) के 10 साल के शासन में विफलताओं के बारे में समझाने की पूरी कवायद में 18,000 से अधिक सक्रिय कार्यकर्ताओं का नेटवर्क शामिल था।
उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में भाजपा ने पार्टी के 55 बड़े दलित नेताओं को शामिल किया जिनमें उत्तरप्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा के पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन निर्वाचन क्षेत्रों में बैठकों के लगातार दौर आयोजित किए गए।ALSO READ: दिल्ली सरकार को झटका, हाईकोर्ट ने कहा- आपकी ईमानदारी पर संदेह
उन्होंने बताया कि इसके अलावा सम्पर्क को और मजबूती प्रदान करने के लिए आस-पड़ोस में राजनीतिक प्रभाव रखने वाले प्रमुख मतदाताओं के रूप में पहचाने गए समुदाय के लगभग 3,500 व्यक्तियों से संपर्क किया गया। भाजपा ने दिसंबर से इन निर्वाचन क्षेत्रों में राजनीतिक प्रभावशाली लोगों, पेशेवरों और समुदाय के प्रमुख स्थानीय लोगों को सम्मानित करने के लिए अनुसूचित जाति स्वाभिमान सम्मेलन आयोजित करना शुरू किया।ALSO READ: दिल्ली विधानसभा चुनाव में 3 बड़े दलों का खेल बिगाड़ने की जुगत में छोटे दल, मायावती और ओवैसी भी मैदान में
गिहारा ने कहा कि अब तक 15 ऐसे सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं और प्रत्येक में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता मौजूद रहे हैं। इन बड़ी बैठकों में समुदाय का बहुत समर्थन दिखाई दिया जिसमें प्रत्येक बैठक में दलित समुदाय के 1,500-2,500 आम सदस्यों ने भाग लिया। दिल्ली की 70 विधानसभा सीट के लिए 5 फरवरी को मतदान होगा। 8 फरवरी को मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे।(भाषा)