इंदौर लिट् फेस्ट में आई शख्सियत ने बच्चों को पढ़ाया कामयाबी का पाठ, किया मोटिवेट

Indore literature festival
 
- कबीर बेदी से लेकर नीलोत्पल मृणाल ने बच्चों को पढ़ाया कामयाबी का पाठ
- नन्हें बच्चों ने सुनाई कविताएं
- मेंटर्स ने सुनाई अपनी कामयाबी की कहानियां
 
इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल के तीसरे और अंतिम दिन की शुरुआत नन्हे बच्चों की कविताओं के साथ हुई। 'तारे ज़मीं पर' नाम के इस सत्र में बच्चों के साथ बातचीत की गई। उन्हें पुरस्कार वितरित किए गए। 
 
बच्चों को स्टोरी राइटिंग, पोएम राइटिंग के लिए पुरस्कार दिए गए।
 
इस सत्र में कबीर बेदी, नीलोत्पल मृणाल, दिव्य प्रकाश दुबे, संजीव पालीवाल, मनोज राजन त्रिपाठी और वैभव विशाल उपस्थित थे। 

Indore literature festival
 
- ज़िंदगी में कोई इफ एंड बट्स न हो
 
सबसे पहले बच्चों को कबीर बेदी ने गोल्डन वर्ड्स दिए। उन्होंने कहा, कभी भी मुश्किल में हार न माने, आगे बढ़े, अवसर को पहचाने। लाइब्रेरी में जाए किताबों के साथ रहे, गलती से सीखे, जीवन में कोई इफ और बट्स न हो, बस काम करे। काम करते जाएं। 

Indore literature festival me Kabir Bedi 
 
- हर आदमी के जीवन में एक अंकल 
 
दिव्य प्रकाश दुबे ने कहा कि हम सबको अपने एक मेंटर की तलाश होना चाहिए। जो उसे आगे का रास्ता बताए। सभी को जो जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं उन्हें अपने उस अंकल की तलाश करना चाहिए। 
 
- मुझे बैक बेंचर्स पसंद है
 
मनोज राजन त्रिपाठी ने कहा कि मुझे बैक बेंचर्स अच्छे लगते हैं। वे सबसे पीछे बैठते हैं तो उन्हें इसलिए आगे का सबकुछ नजर आता है। जबकि आगे बैठने वाले को सिर्फ टीचर और ब्लैक बोर्ड ही नर आता है। 
 
- किताब ही मोटिवेशन है
 
नीलोत्पल मृणाल ने कहा कि हर तरफ मोटिवेशन दिया जा रहा है, कोई वीडियो बना रहा है, तो कोई खड़े-खड़े ही मोटिवेशन देने लगता है। मोटिवेशन देने की दौड़ और प्रतियोगिता चल रही है। सबसे बड़ी मोटिवेशन किताब है। किताब पर भरोसा करो। किताब पढ़ो। गूगल कोई विकल्प नहीं है। 
 
इस सत्र की प्रस्तोता नीलिमा गुप्ता और टिम्सी राय थीं।

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