Santhara of a 3 year old girl: इंदौर में ब्रेन ट्यूमर (brain tumor) से जूझ रही 3 वर्षीय लड़की को 'संथारा' (Santhara) व्रत ग्रहण कराए जाने का मामला सामने आया है। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने इस लड़की के नाम विश्व कीर्तिमान का प्रमाण पत्र भी जारी किया है। 'संथारा' जैन धर्म की प्राचीन प्रथा है जिसके तहत कोई व्यक्ति अपने अंतिम समय का आभास होने पर मृत्यु का वरण करने के लिए अन्न-जल और सांसारिक वस्तुएं त्याग देता है।
इकलौती संतान थी : वियाना अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी। उसकी मां वर्षा जैन ने कहा, मैं शब्दों में नहीं बता सकती कि मेरी बेटी को 'संथारा' व्रत ग्रहण कराने का फैसला हमारे परिवार के लिए कितना मुश्किल था। मेरी बेटी ब्रेन ट्यूमर के कारण काफी तकलीफ झेल रही थी। उसे इस हालत में देखना मेरे लिए बेहद पीड़ादायी था। अपनी दिवंगत बेटी की याद में भावुक मां ने कहा, मैं चाहती हूं कि मेरी बेटी उसके अगले जन्म में हमेशा खुश रहे।
जैन समुदाय की धार्मिक शब्दावली में 'संथारा' को सल्लेखना और समाधिमरण भी कहा जाता है। कानूनी और धार्मिक हलकों में 'संथारा' को लेकर वर्ष 2015 में बहस तेज हो गई थी, जब राजस्थान उच्च न्यायालय ने इस प्रथा को भारतीय दंड विधान की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 309 (आत्महत्या का प्रयास) के तहत दंडनीय अपराध करार दिया था। हालांकि जैन समुदाय के अलग-अलग धार्मिक निकायों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने राजस्थान उच्च न्यायालय के इस आदेश के अमल पर रोक लगा दी थी।(भाषा)