टोरंटो। वैज्ञानिकों का कहना है कि लोग इस तथ्य से वाकिफ हैं कि बोतलबंद पानी से कोई खास लाभ नहीं है लेकिन मृत्यु का भय लोगों को बोतलबंद पानी खरीदने के लिए मजबूर करता है।
एक अध्ययन में पता चला है कि बोतलबंद पानी का अधिकतर प्रचार इंसान के मनोवैज्ञानिक संवेदनशीलता को गहराई से निशाना बनाता है और उन्हें किसी खास उत्पाद को खरीदने और उसके इस्तेमाल के लिए बाध्य करता है। कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ वाटरलू में शोध करने वाले स्टीफन कोट ने कहा कि बोतलबंद पानी के प्रचारक हमारे सबसे बड़े भय के साथ 2 अहम तरीकों से खेलते हैं।
उन्होंने कहा कि मरने का भय हमें खतरे में पड़ने से रोकता है। कुछ लोगों को बोतलबंद पानी सुरक्षित और शुद्ध लगता है। अवचेतन में न मरने की इच्छा गहरे से समाई होती है। इस अध्ययन के लिए सोशल साइकोलॉजी टेरर मैनेजमेंट थ्योरी का इस्मेला किया गया था। (भाषा)