ट्रम्प के 104% टैरिफ वार पर चीन का पलटवार, ट्रम्प टीम में भी फूट पड़ी, आर्थिक महायुद्ध से मंदी का साया गहराया

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बुधवार, 9 अप्रैल 2025 (13:29 IST)
China hits back at Trumps 104 percent tariff war: पिछले तीन दिनों की भारी गिरावट के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में मंगलवार को अचानक उछाल देखने को मिला, जिसने निवेशकों को राहत की सांस दी है। लेकिन, यह खुशी क्षणिक हो सकती है, क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ नीतियों ने दुनिया को व्यापार युद्ध और वैश्विक मंदी के कगार पर ला खड़ा कर दिया है। व्हाइट हाउस ने ऐलान किया है कि चीन से आयातित कुछ वस्तुओं पर 9 अप्रैल से 104% तक का भारी-भरकम टैरिफ लागू होगा। ट्रम्प ने धमकी दी है कि अगर चीन ने इसका जवाब दिया, तो वह 50% अतिरिक्त शुल्क और लगा देंगे। क्या यह दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच 'आर्थिक महायुद्ध' की शुरुआत है?
 
बाजार में उछाल, लेकिन डर बरकरार : मंगलवार को डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 1360 अंकों (3.6%) की तेजी आई, S&P 500 में 3.4% और नैस्डैक कंपोजिट में 3.76% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। एशिया और यूरोप के बाजार भी इससे प्रभावित हुए। जापान का निक्केई 6% और हांगकांग का हैंग सेंग 1.5% उछला, जबकि यूरोप का स्टॉक्स 600 सूचकांक 2.7% चढ़ा। विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार गिरावट के बाद बाजार 'ओवरसोल्ड' हो गया था और सस्ते शेयरों ने निवेशकों को खरीदारी का मौका दिया। ट्रूइस्ट के कीथ लर्नर ने इसे 'तकनीकी' बताया, लेकिन चेतावनी दी कि अनिश्चितता अभी खत्म नहीं हुई है। ALSO READ: भारत पर कितना होगा ट्रम्प के टैरिफ वॉर का असर, 5 सवालों से समझिए
 
ट्रम्प का 'अमेरिका फर्स्ट', चीन पर हमला : ट्रम्प ने साफ कर दिया है कि वह 'अमेरिका फर्स्ट' नीति पर अड़े रहेंगे। शनिवार को लगभग सभी आयातों पर 10% टैरिफ लगाने के बाद, अब वह दर्जनों देशों पर और सख्त शुल्क लगाने की तैयारी में हैं। चीन पर टैरिफ को 104 फीसदी तक ले जाने की घोषणा ने बीजिंग को भड़का दिया है। ट्रम्प का कहना है कि यह कदम अमेरिकी अर्थव्यवस्था को 'अनुचित व्यापार प्रथाओं' से बचाने के लिए जरूरी है। उन्होंने यूरोपीय संघ जैसे सहयोगियों को भी निशाने पर लिया और कहा कि वे भी अमेरिका का फायदा उठाते रहे हैं।
 
चीन का पलटवार, तनाव चरम पर : चीन ने इस टैरिफ का कड़ा जवाब देने का ऐलान किया है। बीजिंग ने अपने जवाबी टैरिफ बढ़ाए, युआन को कमजोर किया और शेयर बाजार को सहारा देने के लिए सरकारी खरीद शुरू की। चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की 'किसान' वाली टिप्पणी को 'अपमानजनक' करार दिया। चीनी सोशल मीडिया पर गुस्सा फूट पड़ा, जहां लोगों ने अपनी हाई-स्पीड रेल, AI और ड्रोन जैसी तकनीकी उपलब्धियों का जिक्र कर अमेरिका को जवाब दिया। दोनों देशों के बीच यह टकराव अब 'हाई-स्टेक्स गेम ऑफ चिकन' बन गया है- देखना यह है कि पहले कौन झुकता है। ALSO READ: ट्रम्प की टैरिफ तलवार: भारत-अमेरिका व्यापार में नया तूफान, क्या टूटेगा भरोसा?
 
मंदी का साया, विशेषज्ञों की चेतावनी : गोल्डमैन सैक्स और जेपी मॉर्गन चेस जैसे बड़े बैंक चेता रहे हैं कि यह व्यापार युद्ध वैश्विक मंदी को जन्म दे सकता है। जेपी मॉर्गन के सीईओ जेमी डिमन ने कहा कि ट्रम्प के टैरिफ से कीमतें बढ़ेंगी। अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ेगी और अमेरिका की वैश्विक साख कमजोर होगी। एलन मस्क और बिल एकमैन जैसे दिग्गजों ने भी इसे 'खराब नीति' बताया है। हार्वर्ड के ग्रेग मैनकीव ने इसे 'आर्थिक कुप्रबंधन' की संज्ञा दी। दूसरी ओर, ट्रम्प के सलाहकार पीटर नवारो आशावादी हैं और दावा करते हैं कि डॉव 50000 तक पहुंचेगा।
 
ट्रम्प टीम में फूट, मस्क-नवारो में जंग : ट्रम्प की टीम में भी तनातनी शुरू हो गई है। इलोन मस्क ने ट्रम्प के सलाहकार पीटर नवारो को 'मूर्ख' और 'पत्थर से भी मंदबुद्धि' कहकर तंज कसा। नवारो ने टेस्ला को 'कार निर्माता नहीं, बल्कि पार्ट्स जोड़ने वाली कंपनी' बताया था, जिससे यह विवाद भड़क उठा। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने हंसते हुए कहा कि 'लड़के तो लड़के ही रहेंगे'। क्या यह मतभेद ट्रम्प की नीतियों को प्रभावित करेगा? ALSO READ: ट्रम्प का टैरिफ धमाका: कार बाजार पर संकट, चीन की चेतावनी
 
ट्रम्प का अंतिम लक्ष्य स्पष्ट नहीं है। क्या वह वाकई अमेरिका में बड़े पैमाने पर विनिर्माण ला पाएंगे? विशेषज्ञों का मानना है कि इस टकराव से उपभोक्ताओं को महंगाई का झटका लगेगा और वैश्विक अर्थव्यवस्था 'बहुत बदसूरत' दौर में जा सकती है। बाजार में अभी उम्मीद की किरण दिखी है, लेकिन यह व्यापार युद्ध दुनिया को कहां ले जाएगा, यह बड़ा सवाल बना हुआ है।
 

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