संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के अनुसार, उत्तर कोरिया में मानवीय सहायता संकट की वजह से देश की आधी आबादी, करीब एक करोड़ लोग कुपोषण के शिकार हैं। वहीं पिछले साल उत्तर कोरिया में खाद्यान्न उत्पादन में भी कमी आई है।
संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों में साफ तौर पर यह कहा गया है कि प्रतिबंधों का मानवीय सहायता पर कोई कुप्रभाव नहीं होना चाहिए, लेकिन राहत पहुंचाने वाले संगठनों का तर्क है कि कारोबार और बैंकिंग के सख्त नियम और कदमों की वजह से जरूरी आपूर्ति में परेशानियां पैदा हो रही हैं।
दस्तावेज के अनुसार, पिछले महीने अमेरिका की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव में राहत संगठनों और सरकारों को यह साफ निर्देश दिया गया है कि वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से उत्तर कोरिया को छूट दें। संयुक्त राष्ट्र की समिति इन नए दिशा-निर्देशों को सोमवार को मंजूरी दे सकती है। (वार्ता)