सीजफायर के बाद भी इन मुद्दों को लेकर टेंशन में पाकिस्तान, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का बड़ा बयान

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

रविवार, 11 मई 2025 (12:26 IST)
India Pakistan Cease fire : भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद नियं‍त्रण रेखा और इंटरनेशनल बॉर्डर पर शांति बनी हुई है। हालांकि युद्ध के मोर्चे पर राहत मिलने के बाद भी पाकिस्तान की मुश्किलें अभी कम नहीं हुई है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि कश्मीर, सिंधु जल संधि और आतंकवाद भारत के साथ प्रमुख मुद्दे बने हुए हैं और पड़ोसी देश के साथ भविष्य में होने वाली किसी भी वार्ता में इन पर चर्चा की जा सकती है। ALSO READ: भारत पाकिस्तान सीजफायर से खुश हैं डोनाल्ड ट्रंप, जानिए क्या कहा?
 
भारत के साथ भूमि, वायु और समुद्र पर सभी प्रकार की गोलेबारी और सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए शनिवार को बनी सहमति के बाद नई दिल्ली के साथ लंबित मुद्दों के समाधान के संबंध में सवाल पूछे जाने पर आसिफ ने यह टिप्पणी की। यह सहमति भारत एवं पाकिस्तान के बीच चार दिन तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमले जारी रहने के बाद बनी।
 
आसिफ ने कहा कि भारत के साथ संभावित वार्ता में सिंधु जल संधि, आतंकवाद और कश्मीर संबंधी प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। उन्होंने कहा कि यदि संघर्षविराम से शांति का मार्ग प्रशस्त होता है तो यह स्वागत योग्य बात होगी। उन्होंने यह भी कहा कि अभी निश्चितता के साथ कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। ALSO READ: भारत पाकिस्तान सीजफायर का क्या होगा शेयर बाजार पर असर?
 
पिछले सप्ताह पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर हमला किए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। 
 
आसिफ ने कहा कि समय बीतने के साथ शांति के अवसर पैदा हो सकते हैं। पाकिस्तान के मंत्री ने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारत और विशेषकर इसका नेतृत्व किसी दिन पार्टी हितों से अधिक क्षेत्र के भविष्य को प्राथमिकता देगा। ALSO READ: चीन ने भी किया सीजफायर का समर्थन, पाकिस्तान को लेकर NSA अजीत डोभाल से क्या कहा?
 
उन्होंने कहा कि समानता पर आधारित शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व दक्षिण एशिया की प्रगति की कुंजी है। उन्होंने चीन, तुर्किये, अजरबैजान और खाड़ी साझेदारों सहित प्रमुख सहयोगियों और मित्र देशों से मिले कूटनीतिक समर्थन की सराहना की है।
edited by : Nrapendra Gupta 

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