उन्होंने कहा कि किसी भी सड़क छाप मौलवी को किसी को गैर-मुस्लिम घोषित करने का अधिकार नहीं है। इस तरह के फतवा से अराजकता फैल जाएगी। उन्होंने धार्मिक नेताओं से सोशल मीडिया पर फतवा जारी करने वालों की निंदा करने की भी अपील की है। इकबाल ने कहा कि हमें ऐसी प्रवृत्तियों को खत्म करने की जरूरत है, जो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं।