हाल ही में एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी मीडिया हाउस की पत्रकार ने उनसे इस बारे में सवाल पूछा था कि वह हिंदी में ही सवाल का जवाब क्यों देते हैं। तो उन्होंने कहा था कि वह गांव के लड़के हैं और उनके परिवार का पूरा परिवेश गांव का है।
ऐसे में अगर वह कोई इंटर्वयू देखें तो उनके परिवार और आस पड़ोस में रहने वाले लोगों को समझ आना चाहिए कि मैं क्या कह रहा हूं। अगर मैं अपने ही लोगों तक अपनी बात नहीं पहुंचा पाउं तो फिर मेरे बोलने का क्या मतलब है।